भारत सरकार ने गेहूं, चावल और दाल जैसे ज़रूरी खाद्य पदार्थों पर मिलने वाले ‘भारत ब्रांड’ उत्पादों की सब्सिडी वाली बिक्री को बंद कर दिया है। सरकार ने यह फैसला इसलिए लिया क्योंकि खाद्य कीमतों में स्थिरता आ गई है और महंगाई दर अप्रैल में घटकर 1.78% रह गई है, जो पिछले साल 8.7% थी।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, सभी प्रमुख खाद्य उत्पादों की कीमतों में गिरावट आई है, और उत्पादन में बढ़ोतरी के कारण भारत ब्रांड उत्पादों की अब तत्काल जरूरत नहीं है।
2024-25 के खरीफ सीज़न में भारत ने चावल, गेहूं, मक्का और दालों का रिकॉर्ड उत्पादन किया है, जिससे बाजार में आपूर्ति संतुलित रही और कीमतें नियंत्रित रहीं।
सरकारी एजेंसियों NAFED और NCCF की दुकानों पर अब भारत आटा, भारत चावल और भारत दाल की बिक्री रोक दी गई है।
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि भविष्य में अगर कीमतों में दोबारा बढ़ोतरी होती है या सरकारी खरीद बढ़ती है, तो भारत ब्रांड उत्पादों को फिर से लॉन्च किया जा सकता है।
रेटिंग एजेंसी CRISIL की रिपोर्ट के अनुसार, मई 2025 में घर में बनने वाली शाकाहारी और मांसाहारी थाली की लागत में साल दर साल लगभग 6% की गिरावट दर्ज की गई है। साथ ही, मानसून के अच्छे रहने की संभावना भी खाद्य आपूर्ति को मजबूत बनाए रखने में मदद करेगी।