हाल ही में आई एकतरफा तेजी के बाद चना और मटर के बाजार में अब सुस्ती का रुख देखा जा रहा है। चना में आई तेज़ी का मुख्य कारण स्टॉकिस्टों की आक्रामक खरीदी थी, जो इस सप्ताह कमजोर पड़ गई है। इसके साथ ही चना दाल की मांग............
हाल ही में आई एकतरफा तेजी के बाद चना और मटर के बाजार में अब सुस्ती का रुख देखा जा रहा है। चना में आई तेज़ी का मुख्य कारण स्टॉकिस्टों की आक्रामक खरीदी थी, जो इस सप्ताह कमजोर पड़ गई है। इसके साथ ही चना दाल की मांग में ठंडक रहने से मिलर्स की खरीदी भी थमी है, जिससे उनके पास पुराने स्टॉक अभी भी मौजूद हैं।
इस सप्ताह चने के भाव में गिरावट तो आई, लेकिन बाजार में अच्छी क्वालिटी के माल की उपलब्धता कमजोर बनी हुई है। किसान भी कम भाव में चना बेचने से हिचकिचा रहे हैं, जिससे गिरावट सीमित रही। विश्लेषकों का मानना है कि अगला सप्ताह चना के लिए बेहद अहम रहेगा, क्योंकि यदि स्टॉकिस्टों की खरीदी दोबारा सक्रिय होती है तो चना में गिरावट थम सकती है। वर्तमान में दिल्ली चना 5700 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास मजबूत सपोर्ट पर है, जबकि ऊपर की ओर 5950 का स्तर प्रमुख रेजिस्टेंस बना हुआ है।
वहीं दूसरी ओर, मटर के बाजार में भी इस सप्ताह मुनाफावसूली और कमजोर ग्राहकी के चलते भाव दबाव में रहे। गर्मी बढ़ने से मटर की खपत पर असर पड़ने लगा है। चना दाल और बेसन में मिक्सिंग कम होने तथा तुअर दाल के सस्ता होने के कारण मटर की मांग में लगातार गिरावट दर्ज की गई है।
हालांकि भारत सरकार ने मटर आयात को 31 मई 2025 तक के लिए मुक्त रखा है, फिर भी इस समय आयात सीमित है। कनाडा मटर पर चीन द्वारा 100% आयात शुल्क लगाए जाने के बाद भारत अब कनाडा के लिए प्रमुख बाजार बन गया है, जिससे आगे आयात बढ़ने की संभावना भी बनी हुई है।
घरेलू स्तर पर मटर की आवक और डिमांड सामान्य बनी हुई है। सफेद मटर में सिर्फ आवश्यकता अनुसार ही लेनदेन हो रहा है और स्टॉकिस्ट इस साल अधिक सक्रिय नहीं दिख रहे हैं। मटर के लिए 3500 रुपये प्रति क्विंटल एक मजबूत सपोर्ट माना जा रहा है, लेकिन मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए केवल जरूरत के अनुसार कारोबार की सलाह दी जा रही है।
कुल मिलाकर, चना और मटर दोनों ही दलहनों में इस समय बाजार का रुख सतर्क बना हुआ है। एक ओर जहां चना के लिए आगामी सप्ताह अहम साबित हो सकता है, वहीं मटर के बाजार में अनिश्चितता बनी हुई है। व्यापारियों को इस दौरान सावधानी से निर्णय लेने की जरूरत है, और समर्थन स्तरों पर नजर बनाए रखनी चाहिए।