सरकार के दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार, 2024-25 सीजन में चना उत्पादन 115.35 लाख टन रहने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष के 110.39 लाख टन से .........पूरी खबर पढ़ने के लिए Amotraade डाउनलोड करें
सरकार के दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार, 2024-25 सीजन में चना उत्पादन 115.35 लाख टन रहने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष के 110.39 लाख टन से 4.49% अधिक है। हालांकि, घरेलू उत्पादन में वृद्धि के साथ-साथ ऑस्ट्रेलिया और तंजानिया से शुल्क मुक्त आयात के कारण चना की कीमतों पर दबाव बना हुआ है। दिसंबर 2023 से अब तक 30 लाख टन से अधिक पीले मटर का आयात भी चना की कीमतों को प्रभावित कर रहा है। सरकार ने हाल ही में पीले मटर के आयात शुल्क मुक्त अवधि को मई 2025 तक बढ़ा दिया, जबकि मसूर पर 10% आयात शुल्क लगाया है।
वर्तमान में चना के शुल्क मुक्त आयात की अनुमति 31 मार्च 2025 तक है, जिससे बाजार में कमजोर सेंटीमेंट बना हुआ है। इस स्थिति को देखते हुए सरकार ने रबी 2025 विपणन सत्र में मूल्य समर्थन योजना (PSS) के तहत 32 लाख टन से अधिक दालों की खरीद करने की योजना बनाई है। कृषि मंत्रालय द्वारा अनुमोदित मात्रा के अनुसार, इस सत्र में 21.64 लाख टन चना, 9.40 लाख टन मसूर, 90,108 टन उड़द और 13,575 टन मूंग की सरकारी खरीद का लक्ष्य है।
तेलंगाना में चना की खरीद पहले ही शुरू हो चुकी है, जहां 12 मार्च तक नाफेड द्वारा 1055.25 टन चना खरीदा गया। सबसे बड़े चना उत्पादक राज्य मध्य प्रदेश में 25 मार्च से 31 मई के बीच 7.28 लाख टन से अधिक चना खरीदने का लक्ष्य रखा गया है। महाराष्ट्र में 7.08 लाख टन, गुजरात में 2.66 लाख टन और उत्तर प्रदेश में 1.96 लाख टन से अधिक चना खरीद की उम्मीद है।
इसके अलावा, अन्य राज्यों में कर्नाटक में 96,498 टन, आंध्र प्रदेश में 74,945 टन, तेलंगाना में 37,083 टन, छत्तीसगढ़ में 52,738 टन और हरियाणा में 2,718 टन चना खरीदने की योजना है। सरकार द्वारा की जा रही इस रिकॉर्ड स्तर की खरीदारी से चना की कीमतों में स्थिरता आने की उम्मीद है, हालांकि आयात के चलते बाजार में फिलहाल मंदी का माहौल बना हुआ है।