सोयाबीन में सुधार: निचले स्तरों पर मांग और सरकारी खरीदारी में वृद्धि से बाजार में सुधार

इस सप्ताह सोयाबीन बाजार में सुधार देखा गया, जिसमें निचले स्तरों पर प्लांटों की बढ़ती मांग और सरकारी खरीदारी में वृद्धि ने योगदान दिया। सोयाबीन के प्लांट डिलीवरी भाव में ₹100 प्रति क्विंटल की वृद्धि हुई। हालांकि, सोयामील की कीमतों में ज्यादा बदलाव नहीं हुआ, और अंतरराष्ट्रीय बाजार में नरमी तथा अर्जेंटीना और ब्राज़ील में उच्च उत्पादन के अनुमान से घरेलू बाजार पर दबाव बन सकता है। यदि सरकार अपनी खरीदारी बढ़ाती है, तो सोयाबीन में ₹150-200 प्रति क्विंटल तक की बढ़त देखने को मिल सकती है।

Opinion 02 Dec  
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सोयाबीन बाजार में इस सप्ताह कुछ सुधार देखा गया, जो निचले स्तरों पर प्लांटों की बढ़ती मांग और सरकारी खरीदारी की गति में सुधार के कारण हुआ। पिछले सप्ताह सोयाबीन के प्लांट डिलीवरी भाव में औसतन 100 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़त हुई। महाराष्ट्र के कीर्ति प्लांट का भाव अरिहंत सर्विसेज के सपोर्ट से 4500 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़ा, जैसा कि पहले अनुमान था।

हालांकि, सोयामील की कीमतों में कुछ खास वृद्धि नहीं हुई है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोयामील की कीमतों में नरमी और डीडीजीएस (डी-डिस्टिल्ड ग्रेन) जैसे विकल्पों ने सोया डीओसी की मांग को प्रभावित किया है। इसके अलावा, अर्जेंटीना और ब्राज़ील में इस सीज़न में रिकॉर्ड सोयाबीन उत्पादन का अनुमान जताया जा रहा है, जो घरेलू बाजार के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं।

सोयाबीन और सोयामील के भाव का भविष्य मुख्य रूप से सरकारी नीतियों पर निर्भर करेगा। यदि सरकार अपनी खरीदारी लक्ष्यों को पूरा करने के लिए खरीदारी में वृद्धि करती है, तो सोयाबीन के भाव में और मजबूती देखने को मिल सकती है। इसके अलावा, विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, सोयाबीन का वायदा कारोबार नए साल में शुरू हो सकता है, जो बाजार को और दिशा दे सकता है।

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि 4500 रुपये प्रति क्विंटल का मजबूत सपोर्ट स्तर कायम रहता है, तो सोयाबीन में 150-200 रुपये प्रति क्विंटल की और बढ़त हो सकती है। ऐसे में व्यापारी इस स्तर तक स्टॉक होल्ड करने की सलाह दे रहे हैं, जब तक यह स्तर टूटता नहीं है।