कलबुर्गी जिले में इस साल तुअर की फसल को भारी नुकसान झेलना पड़ा है, जिसके बाद किसान संघों ने 22 जनवरी को बंद का आह्वान किया है। प्रांत रायथा संघ के अध्यक्ष शरणबसप्पा ममशेट्टी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोषणा करते हुए सरकार से प्रभावित किसानों के लिए विशेष राहत पैकेज की मांग की। उन्होंने प्रति एकड़ ₹25,000 मुआवजा देने और तुअर बोर्ड के लिए ₹25 करोड़ का लक्षित आवंटन सुनिश्चित करने का आग्रह किया।
फसल क्षति और राहत की आवश्यकता
कलबुर्गी में इस वर्ष 6 लाख हेक्टेयर तुअर की खेती में से 2 लाख हेक्टेयर फसल पूरी तरह नष्ट हो गई है। शरणबसप्पा ममशेट्टी ने बताया कि इस गंभीर स्थिति को देखते हुए सरकार को तत्काल राहत पैकेज की घोषणा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि तुअर बोर्ड को कॉफी बोर्ड जैसी प्राथमिकता और सहायता मिलनी चाहिए।
न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर जोर
किसानों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को लेकर अपनी निराशा व्यक्त की है। उनका कहना है कि वर्तमान मूल्य निर्धारण तंत्र उनकी उत्पादन लागत और नुकसान की भरपाई करने में असमर्थ है। इस बंद का उद्देश्य तुअर सहित अन्य फसलों के लिए पर्याप्त MSP सुनिश्चित करना और किसानों को न्याय दिलाना है।
किसान संघों की मांग
- तुअर उत्पादकों को प्रति एकड़ ₹25,000 मुआवजा।
- तुअर बोर्ड के लिए ₹25 करोड़ का विशेष आवंटन।
- MSP सुधार और उचित मूल्य निर्धारण तंत्र की स्थापना।
कलबुर्गी के किसान उम्मीद कर रहे हैं कि इस बंद के माध्यम से उनकी समस्याओं पर सरकार का ध्यान जाएगा और उन्हें जल्द राहत मिलेगी।