देशभर की प्रमुख चना मंडियों में आज मिलाजुला रुख देखने को मिला। नई फसल की बढ़ती आवक के बीच गड़ग और गुलबर्गा में चना के दाम स्थिर रहे, जबकि राजकोट, देवास और हारदा में हल्की गिरावट दर्ज की गई। वहीं, आयातित चना (तंजानिया) के दाम मुंबई में 50 रुपये मजबूत हुए, जबकि काबुली चना की कीमतों में अधिकांश मंडियों में 100 रुपये तक की गिरावट रही। नई और पुरानी फसल की आवक और अंतरराष्ट्रीय बाजार के असर से चना के दामों में आने वाले दिनों में और हलचल की संभावना है। 🌾
देशभर की चना मंडियों में आज मिलाजुला रुख देखने को मिला। दिल्ली, हैदराबाद, नागपुर और लातूर जैसी प्रमुख मंडियों में देसी चने के भाव स्थिर रहे, जबकि जयपुर, कानपुर और रायपुर में हल्की गिरावट दर्ज की गई। सोलापुर में मिल क्वालिटी और अन्नागिरी चना के भाव में क्रमशः 100 रुपये और 50 रुपये की गिरावट आई।
आयातित चना बाजार में मुंबई में तंजानिया चने का भाव 50 रुपये बढ़कर 5750 रुपये प्रति 100 किलोग्राम हो गया, जबकि ऑस्ट्रेलिया चने के भाव मुंबई, मुंद्रा और कोलकाता में स्थिर रहे, हालांकि कोलकाता में 50 रुपये की मामूली गिरावट देखी गई।
काबुली चने के भाव में गिरावट का रुख जारी है। इंदौर में सभी काउंट्स के भाव में 100 रुपये की गिरावट आई, जहां 40-42 काउंट 11,200 रुपये और 46-48 काउंट 10,500 रुपये प्रति 100 किलोग्राम पर आ गया।
मंडियों में आवक की बात करें तो कर्नाटक, गुजरात और मध्य प्रदेश की मंडियों में नई फसल की आवक बढ़ रही है। गडग, गुलबर्गा और यदगिर में अच्छी मात्रा में चना पहुंचा, वहीं गुजरात के राजकोट और वेरावल मंडियों में भी स्थिर आवक देखी गई। मध्य प्रदेश के देवास, हरदा और नीमच मंडियों में अलग-अलग वैरायटी के चने के भाव स्थिर रहे, जबकि मोसमी चने के भाव 6800-7200 रुपये के उच्च स्तर पर बने रहे।
राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की पुरानी फसल वाली मंडियों में हल्का दबाव रहा, जहां बांसवाड़ा, कोटा और किशनगंज मंडियों में देसी चने के भाव में स्थिरता रही।
निष्कर्ष: चना बाजार में निकट भविष्य में कीमतों में और उतार-चढ़ाव की संभावना बनी हुई है, क्योंकि नई फसल की आवक बढ़ने के साथ-साथ मिलर्स और व्यापारियों की खरीदारी का दबाव भी बनेगा।