सरसों और उड़द बाजार: स्टॉक की स्थिति और कीमतों में उतार-चढ़ाव
नवंबर 2024 के अंत तक देश में 28 लाख टन सरसों का स्टॉक बचा है, जिसमें नेफेड और हैफेड के पास 14.50 लाख टन, किसानों के पास 9.50 लाख टन और तेल मिलों व स्टॉकिस्टों के पास 4 लाख टन है। फसल सीजन 2024-25 में सरसों का उत्पादन 108 लाख टन हुआ, जिससे कुल उपलब्धता 120 लाख टन रही। दूसरी ओर, उड़द बाजार में दाल मिलों की कमजोर मांग और आयातित उड़द की कीमतों में गिरावट के कारण घरेलू कीमतों पर दबाव है। हालांकि, म्यांमार में प्रतिकूल मौसम के चलते उड़द की फसल पर असर पड़ा है, जिससे ज्यादा गिरावट की संभावना नहीं है। बाजार में सरसों की स्थिरता और उड़द में हल्की नरमी के संकेत हैं।
सरसों बाजार: स्टॉक और उपलब्धता का विश्लेषण
नवंबर 2024 के अंत तक देश में 28 लाख टन सरसों का बकाया स्टॉक बचा है, जिसमें 14.50 लाख टन नेफेड और हैफेड के पास, 9.50 लाख टन किसानों के पास और 4 लाख टन तेल मिलों व स्टॉकिस्टों के पास है। चालू फसल सीजन के दौरान नेफेड और हैफेड ने 20 लाख टन सरसों की खरीद समर्थन मूल्य पर की, जिसमें से 13 लाख टन सरसों अब तक बाजार में बेची जा चुकी है।
फसल सीजन 2024-25 के दौरान सरसों का उत्पादन 108 लाख टन रहा, जिससे अप्रैल 2024 तक देशभर में सरसों की कुल उपलब्धता 120 लाख टन हो गई। हालांकि, तेल मिलों और स्टॉकिस्टों के पास अब स्टॉक सीमित हो गया है, जिससे बाजार में सरसों की कीमतों में स्थिरता की संभावना है।
उड़द बाजार: कीमतों पर दबाव और मांग का प्रभाव
दाल मिलों की कमजोर मांग और चेन्नई में एफएक्यू और एसक्यू ग्रेड की कीमतों में गिरावट के चलते उड़द के बाजार में नरमी देखी गई। आयातित उड़द की कीमतें घटने से घरेलू बाजार पर दबाव है, और कीमतों में और कमी की संभावना है।
हालांकि, म्यांमार में प्रतिकूल मौसम के कारण वहां की उड़द फसल की उत्पादकता और गुणवत्ता पर असर पड़ने का डर है, जिससे बाजार में मंदी के गहराने की संभावना कम है। वर्तमान में देसी उड़द की आवक जारी है, लेकिन मिलर्स सिर्फ अपनी जरूरत के अनुसार खरीद कर रहे हैं। दक्षिण भारतीय मिलर्स की नजर अब मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की फसलों पर है।
निष्कर्ष
सरसों और उड़द दोनों के बाजार में स्टॉक और उत्पादन की स्थिति में अंतर के कारण कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी है। सरसों बाजार में स्टॉक के सीमित होने से स्थिरता की उम्मीद है, जबकि उड़द बाजार में अंतरराष्ट्रीय और घरेलू स्थितियों के कारण हल्की नरमी देखी जा रही है।