सरसों तेल-तिलहन बाजार में तेजी: क्या सरकारी खरीद से और बढ़ेंगे दाम?

सरसों तेल-तिलहन के दामों में सुधार देखा जा रहा है, जिसका मुख्य कारण सरकारी खरीद की संभावनाएं और स्टॉकिस्टों की सक्रियता है। सरसों की आवक में कमी और मिलर्स की बढ़ती मांग से कीमतों को...........पूरी खबर पढ़ने के लिए Amotraade डाउनलोड करें

Opinion 20 Mar
marketdetails-img

क्या आपने हाल ही में सरसों तेल-तिलहन के दामों में बदलाव महसूस किया है? अगर हां, तो इसकी बड़ी वजह सरकारी खरीद की संभावनाएं और स्टॉकिस्टों की सक्रियता है। बाजार में इस समय सरसों के दाम धीरे-धीरे सुधर रहे हैं, क्योंकि सरकारी एजेंसियों की खरीद को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। किसानों और व्यापारियों के लिए यह एक बड़ा सवाल है—क्या यह तेजी जारी रहेगी?

कीमतें क्यों बढ़ रही हैं?
✅ सरसों की आवक में कमी आ रही है।
✅ सरकारी खरीद की संभावनाओं से बाजार को सपोर्ट मिल रहा है।
✅ प्राइवेट मिलर्स और स्टॉकिस्ट अभी से मजबूत पोजीशन ले रहे हैं, जिससे मांग बढ़ी है।

इसका असर यह हुआ कि सरसों के दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के करीब पहुंचने लगे हैं। फिलहाल, बाजार में सरसों तिलहन ₹6,150-6,200 प्रति क्विंटल, सरसों तेल (दादरी) ₹13,300 प्रति क्विंटल और खाद्य गुणवत्ता तेल (दिल्ली) ₹13,850 प्रति क्विंटल पर बिक रहा है।

क्या दूसरे तेल-तिलहन भी प्रभावित हो रहे हैं?
अन्य तेल-तिलहन जैसे मूंगफली, सोयाबीन तेल, कच्चा पाम तेल (CPO), पामोलिन और बिनौला तेल की कीमतें अभी स्थिर बनी हुई हैं। हालांकि, कांडला बंदरगाह पर सोयाबीन तेल का स्टॉक घटने से इसकी कीमतों में हल्की मजबूती देखी जा रही है।

अब आगे क्या?
👉 अगर सरकारी खरीद जल्द शुरू होती है, तो सरसों के दाम और बढ़ सकते हैं।
👉 अन्य तेल-तिलहन की कीमतें स्थिर रहने की संभावना है।
👉 किसानों को उम्मीद है कि दाम MSP तक पहुंचेंगे, जिससे उन्हें बेहतर दाम मिल सकेंगे।

Related News

Market Rates

Chana

View ->


Ground Nut

View ->


Wheat

View ->


Soybean

View ->



Moong

View ->