कृषि बाजार में अवसर: काबुली चना और तूर की कीमतों में तेजी

पिछले सप्ताह कृषि बाजार में काबुली चना और तूर की कीमतों में तेजी देखी गई, जबकि चना बाजार दबाव में रहा। काबुली चने की कमजोर आवक और रमजान की बढ़ती एक्सपोर्ट डिमांड ने इसके भाव को 300 रुपये बढ़ाकर 13,300-13,400 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंचा दिया। तूर की कीमतें भी बारिश और नमीयुक्त आवक के कारण 300-350 रुपये बढ़कर नागपुर लोकल 8,450 और चेन्नई लेमन 7,700 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गईं। चना बाजार में सस्ते आयात और कमजोर मांग के चलते गिरावट दर्ज की गई, लेकिन कुंभ मेले से मांग बढ़ने की उम्मीद है। सोयामील के निर्यात में सुधार और नाफेड की एमएसपी खरीद से सोयाबीन बाजार स्थिर रहा, हालांकि बड़े लाभ की संभावनाएं सीमित हैं।

Opinion 30 Dec 2024  
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पिछले सप्ताह कृषि बाजार में काबुली चना, तूर और सोयाबीन की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखने को मिला। काबुली चने की आवक कमजोर रहने और स्थानीय ग्राहकी बढ़ने से इसके दाम 300 रुपये प्रति क्विंटल बढ़कर (44/46) 13,300-13,400 रुपये तक पहुंच गए। निमाड़ बेल्ट में बुवाई घटने और रमजान के लिए एक्सपोर्ट डिमांड शुरू होने की उम्मीद से बाजार में और मजबूती देखी जा सकती है।

तूर की कीमतों में भी मजबूती दर्ज की गई। बारिश के कारण महाराष्ट्र और कर्नाटक में उत्पादन प्रभावित हुआ, जिससे नागपुर लोकल तूर का भाव 8,450 रुपये और चेन्नई लेमन का भाव 7,700 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया। नमी वाली तूर की आवक और गुणवत्ता में कमी ने मिलर्स के लिए दिक्कतें बढ़ा दी हैं। मोजांबिक में राजनीतिक विवादों और शिपमेंट में देरी के कारण भी तूर बाजार में अनिश्चितता बनी हुई है।

दूसरी ओर, चना बाजार कमजोर रहा, जिसमें पिछले सप्ताह 125 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई। सस्ते ऑस्ट्रेलियाई चने और मटर के आयात ने बाजार पर दबाव बनाया है। हालांकि, कुंभ मेले की संभावित मांग और नाफेड की एमएसपी खरीद से आने वाले दिनों में बाजार को सहारा मिलने की उम्मीद है।

सोयाबीन के बाजार में निर्यात बढ़ने से कुछ स्थिरता आई है। नवंबर में सोयामील का निर्यात अक्टूबर के मुकाबले 60% बढ़ा, हालांकि पिछले साल की तुलना में यह अभी भी कमजोर है। विशेषज्ञों के अनुसार, सोयाबीन के भाव अगले कुछ महीनों तक सीमित दायरे में रहने की संभावना है।

कुल मिलाकर, मौसम की परिस्थितियां, अंतरराष्ट्रीय बाजार के रुझान और स्थानीय मांग आने वाले दिनों में कृषि बाजार की दिशा तय करेंगे।