क्रूड पाम ऑयल (CPO) की कीमतें 2025 में औसतन RM4,600 प्रति टन तक बढ़ सकती हैं, जो इस साल के अनुमानित औसत RM4,200 प्रति टन से अधिक है। यह बढ़ोतरी आपूर्ति पक्ष की चुनौतियों, जैसे खराब मौसम और धीमी पुनरोपण प्रक्रिया के कारण हो सकती है।
मुख्य कारण:
- इंडोनेशिया का घटता निर्यात: दुनिया के सबसे बड़े पाम ऑयल उत्पादक देश इंडोनेशिया से निर्यात में कमी।
- मलेशिया में प्रतिकूल मौसम: बाढ़ और प्रतिकूल जलवायु परिस्थितियों ने उत्पादन को प्रभावित किया है।
- जैव ईंधन उत्पादन में बढ़ती मांग: इंडोनेशिया की बायोडीजल नीति के तहत मिश्रण दर 35% (B35) से बढ़ाकर 40% (B40) और आगे 50% (B50) तक करने की योजना है।
उत्पादन पर असर:
MARC रेटिंग्स के अनुसार, मलेशिया में बाढ़ 2025 की पहली तिमाही तक उत्पादन को प्रभावित कर सकती है। हालांकि, मौसम की स्थिति वर्ष के दूसरे भाग में सामान्य होने की उम्मीद है, लेकिन उत्पादन पर सकारात्मक प्रभाव 2026 तक दिखने की संभावना है।
मांग और प्रतिस्थापन तेलों का प्रभाव:
- जैव ईंधन और खाद्य तेल की बढ़ती मांग: पाम ऑयल की मांग बायोडीजल नीति और बढ़ते उपभोग के कारण मजबूत बनी रहेगी।
- प्रतिस्थापन तेलों की सीमित आपूर्ति: सोयाबीन, सूरजमुखी और रेपसीड तेल जैसे विकल्पों की कीमतें भी आपूर्ति बाधाओं और सूखे के कारण बढ़ने की संभावना है।
- रूस-यूक्रेन युद्ध का प्रभाव: वैश्विक सूरजमुखी तेल की आपूर्ति में बाधा जारी है। उत्पादन 2025 में घटकर 20 मिलियन टन होने का अनुमान है, जो 2024 में 22.1 मिलियन टन था।
निष्कर्ष:
2025 में पाम तेल की कीमतों में बढ़ोतरी का मुख्य कारण आपूर्ति की कमी और जैव ईंधन उत्पादन की मजबूत मांग होगी। साथ ही, प्रतिस्थापन तेलों की सीमित उपलब्धता और वैश्विक भू-राजनीतिक स्थितियां इस प्रवृत्ति को और तेज कर सकती हैं।