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महंगाई से राहत: सरकार ने उड़द और पीली मटर के शुल्क मुक्त आयात की अवधि बढ़ाई
सरकार ने दलहन की कीमतों को स्थिर रखने और आम जनता को महंगाई से राहत देने के लिए **उड़द के शुल्क मुक्त आयात की अवधि 31 मार्च 2026 तक बढ़ा दी है**, जिससे घरेलू आपूर्ति में सुधार होगा। भारत मुख्य रूप से म्यांमार, सिंगापुर, थाईलैंड और ब्राजील से उड़द का आयात करता है। इसके अलावा, **पीली मटर के ड्यूटी-फ्री आयात की अवधि 31 मई 2025 तक बढ़ाई गई है**, जबकि **मसूर के आयात पर 10% शुल्क लगाया गया है**, जो **8 मार्च 2025 से लागू होगा**। इन फैसलों से दालों की कीमतों पर नियंत्रण बना रहेगा और उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी।
आम जनता को दालों की महंगाई से राहत देने और घरेलू बाजार में दलहन की कीमतों को स्थिर बनाए रखने के लिए सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। केंद्र सरकार ने उड़द (Urad) के शुल्क मुक्त आयात की अवधि 31 मार्च 2026 तक बढ़ा दी है, जिससे घरेलू आपूर्ति में सुधार होगा और कीमतों पर नियंत्रण रखा जा सकेगा। यह नीति पहले मार्च 2025 तक लागू थी, लेकिन अब इसे एक साल के लिए और बढ़ा दिया गया है। भारत में उड़द का सबसे बड़ा निर्यातक देश म्यांमार है, जहां से सबसे अधिक मात्रा में उड़द आयात की जाती है।
विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, उड़द की यह मुक्त आयात नीति 31 मार्च 2026 तक लागू रहेगी। इस फैसले से घरेलू बाजार में उड़द की कीमतों को स्थिर बनाए रखने में मदद मिलेगी और आम उपभोक्ताओं को महंगाई से राहत मिलेगी। भारत मुख्य रूप से म्यांमार, सिंगापुर, थाईलैंड और ब्राजील से उड़द का आयात करता है। चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से नवंबर के दौरान, भारत ने कुल 60.11 करोड़ डॉलर मूल्य का उड़द आयात किया, जिसमें से अकेले म्यांमार से 54.9 करोड़ डॉलर का आयात हुआ।
इसके अलावा, सरकार ने पीली मटर (Yellow Peas) के ड्यूटी-फ्री आयात की अवधि 31 मई 2025 तक बढ़ा दी है। वहीं, मसूर (Lentils) के आयात पर 10% शुल्क लगाने का फैसला किया गया है, जो 8 मार्च 2025 से प्रभावी होगा। इन कदमों से उम्मीद की जा रही है कि दालों की कीमतों पर मुद्रास्फीति का दबाव कम होगा, उनकी आपूर्ति बनी रहेगी और उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर दालें उपलब्ध होंगी।