बीते सप्ताह सरसों बाजार में काफी हलचल देखने को मिली। मार्च के अंत तक सरसों की सप्लाई घटने से बाजार में एकतरफा तेजी बनी रही, लेकिन अप्रैल की शुरुआत में आवक बढ़ते ही बाजार ने अपना रुख......पूरी खबर पढ़ने के लिए Amotraade डाउनलोड करें
बीते सप्ताह सरसों बाजार में काफी हलचल देखने को मिली। मार्च के अंत तक सरसों की सप्लाई घटने से बाजार में एकतरफा तेजी बनी रही, लेकिन अप्रैल की शुरुआत में आवक बढ़ते ही बाजार ने अपना रुख बदल लिया। विशेषज्ञों ने पहले ही चेतावनी दी थी कि अप्रैल में आवक बढ़ने से सरसों की कीमतों में ₹100–₹150 प्रति क्विंटल की गिरावट संभव है, जो अब साफ़ तौर पर दिखाई दे रही है।
जयपुर मंडी में सरसों की कीमतें 6425 रुपये के स्तर से फिसल गईं। भरतपुर मंडी में सरसों ₹6000 के रेजिस्टेंस को पार नहीं कर पाई और वापस नीचे आ गई। इसके साथ ही कच्ची घानी तेल में ₹2/किलो और सरसों खल में ₹50/क्विंटल तक की गिरावट भी दर्ज की गई। हालांकि, इस गिरावट को लंबे समय के नजरिए से एक खरीदारी के अवसर के रूप में देखा जा रहा है।
खल रिपोर्ट:
मार्च में निर्यात मांग तेज़ रहने के कारण सरसों डीओसी (डिओइल केक) की कीमतों में उछाल देखा गया था। भारत से मार्च में सरसों डोसी का निर्यात पिछले वर्ष की तुलना में 96% बढ़कर 1.40 लाख टन तक पहुंचा। लेकिन वैश्विक स्तर पर टैरिफ वॉर के कारण अब निर्यात मांग में ठहराव आ गया है, जिससे आगे कुछ और करेक्शन की संभावना जताई जा रही है।
तेल रिपोर्ट:
सरसों कच्ची घानी तेल की कीमतें मार्च में तेजी के साथ ₹1350/किलो के पास पहुंच गई थीं, लेकिन यह स्तर एक रेजिस्टेंस साबित हुआ। वैश्विक बाजारों में सोया और पाम तेल में गिरावट का दबाव सरसों तेल पर भी पड़ा है। विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर जयपुर कच्ची घानी ₹1280 के पास आए, तो यह दीर्घकालिक निवेश के लिए बेहतर मौका हो सकता है।
फंडामेंटल मजबूत, घबराने की ज़रूरत नहीं:
मार्च महीने में कुल 19.5 लाख टन सरसों की आवक दर्ज की गई, जो पिछले साल की तुलना में 92% कम रही। वहीं क्रशिंग लगभग 15 लाख टन पर स्थिर रही, जो पिछले साल के बराबर है। इसका सीधा मतलब है कि भले ही कीमतों में अस्थायी गिरावट आई हो, लेकिन फंडामेंटली बाजार अब भी मजबूत है।
विशेषज्ञों की राय है कि सरसों की कीमतें यदि धीरे-धीरे और स्थिर गति से बढ़ें, तो यह तेजी ज्यादा समय तक टिकेगी। ऐसे में पैनिक करने की बजाय, स्टॉकिस्टों को मौजूदा गिरावट को खरीदारी के मौके के रूप में देखना चाहिए। बाजार में कोई बुनियादी कमजोरी नहीं है — सरसों अब भी निवेश के लिए मजबूत विकल्प बनी हुई है।