मिलर्स की धीमी खरीद से उड़द की कीमतों में गिरावट, निकट भविष्य में दबाव जारी रहने की संभावना
आज देश के प्रमुख केंद्रों में उड़द की कीमतों में कमी का रुख देखा गया, जिसमें घरेलू और आयातित दोनों प्रकार की उड़द शामिल हैं। मिलर्स की ओर से धीमी खरीदारी और प्रसंस्कृत उड़द की कमजोर मांग के चलते कीमतों पर दबाव बना हुआ है। बुधवार को उड़द बाजार में कमजोर घरेलू मांग के कारण कीमतों में 50 से 100 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई।
आज देश के प्रमुख केंद्रों में उड़द की कीमतों में कमी का रुख देखा गया, जिसमें घरेलू और आयातित दोनों प्रकार की उड़द शामिल हैं। मिलर्स की ओर से धीमी खरीदारी और प्रसंस्कृत उड़द की कमजोर मांग के चलते कीमतों पर दबाव बना हुआ है। बुधवार को उड़द बाजार में कमजोर घरेलू मांग के कारण कीमतों में 50 से 100 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई।
सोलापुर में घरेलू उड़द की कीमतों में 200 रुपये की कमी के बाद यह 8,400 रुपये प्रति क्विंटल पर आ गई, जबकि चेन्नई में आयातित उड़द की कीमतों में 25 रुपये की गिरावट के साथ यह 9,100 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गई।
आने वाले हफ्तों में नई फसल की आवक और आयातित उड़द से आपूर्ति बढ़ने की संभावना के कारण कीमतों पर और दबाव बनने की उम्मीद जताई जा रही है। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि अन्य सहायक कारक भी हैं जो बड़ी गिरावट को सीमित कर सकते हैं।