नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सहकारी चीनी मिलों के लिए नई योजना (06 मार्च 2025 को अधिसूचित) की घोषणा की है, जिसके तहत मौजूदा गन्ना-आधारित संयंत्रों को बहु-फीड एथेनॉल संयंत्रों में परिवर्तित किया जाएगा। इस कदम से देश में एथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे पेट्रोल के साथ 20% एथेनॉल मिश्रण (E20) का लक्ष्य आसानी से प्राप्त किया जा सकेगा।
एथेनॉल उत्पादन और आपूर्ति में तेजी
- 2023-24 में तेल विपणन कंपनियों (OMCs) को 672 करोड़ लीटर एथेनॉल की आपूर्ति की गई।
- 2024-25 में अब तक 261 करोड़ लीटर एथेनॉल का उत्पादन और आपूर्ति हो चुकी है (23 फरवरी 2025 तक)।
- 2025-26 के लिए 20% मिश्रण का लक्ष्य हासिल करने के लिए 1016 करोड़ लीटर एथेनॉल की जरूरत होगी।
एथेनॉल उत्पादन में निवेश के अवसर
सरकार ने 2018-22 के दौरान कई एथेनॉल ब्याज अनुदान योजनाएं चलाईं और अब सहकारी चीनी मिलों के लिए नई योजना लाई गई है। इसके तहत गन्ने के अलावा अन्य फीड-स्टॉक्स (जैसे मक्का, धान की भूसी, अन्य जैविक अवशेष) से भी एथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।
सरकार की प्रमुख नीतियां और प्रोत्साहन:
✔ एथेनॉल के लिए प्रोत्साहन मूल्य निर्धारण
✔ E20 इंजन वाहनों की शुरुआत (अप्रैल 2025 से)
✔ एथेनॉल पर जीएसटी 18% से घटाकर 5% किया गया
✔ तेल कंपनियों (OMCs) और समर्पित एथेनॉल संयंत्रों (DEPs) के बीच दीर्घकालिक खरीद समझौते (LTOAs)
✔ "प्रधानमंत्री JI-VAN योजना" (2019, संशोधित 2024) के तहत उन्नत जैव-ईंधन संयंत्रों को वित्तीय सहायता
बिजनेस और ट्रेडिंग के लिए संभावनाएं
- शुगर मिलों और इंडस्ट्री प्लेयर्स के लिए यह एक बड़ा अवसर है कि वे मल्टी-फीड एथेनॉल प्लांट स्थापित करें और सरकार की अनुदान और समर्थन योजनाओं का लाभ उठाएं।
- एथेनॉल सप्लायर्स और ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (OMCs) के बीच दीर्घकालिक समझौते संभावित रूप से स्थिर और लाभदायक व्यापार अवसर प्रदान करेंगे।
- मक्का और अन्य कृषि अवशेषों से एथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने से कृषि और औद्योगिक क्षेत्र में नई संभावनाएं खुलेंगी।
निष्कर्ष
सरकार की नई योजना एथेनॉल उत्पादन को गति देने और व्यापारिक अवसरों को बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल कृषि और औद्योगिक क्षेत्र को मजबूत करेगा, बल्कि भारत की ऊर्जा आत्मनिर्भरता में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा।