ब्राजील में भारत के उड़द और तूर आयात का प्रमुख स्रोत बनने की क्षमता: सरकार

भारत ने कहा है कि ब्राजील में उड़द और तूर दाल के आयात का प्रमुख स्रोत बनने की पूरी संभावना है। 2023 में ब्राजील से उड़द का आयात 4,102 टन था, जो 2024 में बढ़कर 22,000 टन तक पहुंच चुका है। ब्राजील और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों से दालों का आयात भारत के लिए फायदेमंद है, क्योंकि इन देशों के कृषि मौसम भारत से अलग होते हैं। इससे भारत को दालों की आपूर्ति बढ़ाने में मदद मिलती है, जबकि घरेलू कीमतों पर नियंत्रण रखा जा सकता है। भारत हर साल 30-40 लाख टन दालों का आयात करता है।

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भारत ने गुरुवार को कहा कि ब्राजील के पास उड़द (उरद) और तूर (तूर) दाल के आयात के प्रमुख स्रोत के रूप में उभरने की पूरी संभावना है। यह मामला ब्राजील के एक उच्चस्तरीय कृषि मंत्रालय प्रतिनिधिमंडल, जिसका नेतृत्व कृषि मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी जूलियो सेसर रामोस ने किया, और उपभोक्ता मामले मंत्रालय की सचिव निधि खरे के बीच हुई मुलाकात में उठाया गया।

ब्राजील से उड़द का आयात बढ़ा:

मंत्रालय के अनुसार, ब्राजील पिछले कुछ वर्षों में उड़द का एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता के रूप में उभरा है। 2023 के कैलेंडर वर्ष में ब्राजील से उड़द का आयात 4,102 टन था, जबकि 2024 के अक्टूबर माह तक यह आंकड़ा 22,000 टन को पार कर चुका है। मंत्रालय ने कहा कि ब्राजील में उड़द और तूर के आयात के लिए संभावनाएं और भी बढ़ी हैं।

मौसम चक्र का लाभ:

भारत में दालों के आयात में देशों जैसे ब्राजील और ऑस्ट्रेलिया से व्यापार का एक महत्वपूर्ण लाभ यह है कि इन देशों के कृषि मौसम भारत से अलग होते हैं। इसका मतलब है कि ये देश भारत के फसल उत्पादन की स्थिति को देखते हुए अपने कृषि कार्यक्रम की योजना बना सकते हैं।