केंद्र सरकार ने चालू रबी सीजन में 2.8 मिलियन टन चना, *.** मिलियन टन सरसों और *.** मिलियन टन मसूर की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर सीधी खरीद को मंजूरी दे दी है। इस निर्णय का उद्देश्य .........पूरी खबर पढ़ने के लिए Amotraade डाउनलोड करें
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने चालू रबी सीजन में 2.8 मिलियन टन चना, 2.82 मिलियन टन सरसों और 0.94 मिलियन टन मसूर की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर सीधी खरीद को मंजूरी दे दी है। इस निर्णय का उद्देश्य किसानों को लाभ पहुंचाने के साथ-साथ घरेलू बाजार में कीमतों को स्थिर रखना और ट्रेडिंग मार्केट में अस्थिरता को नियंत्रित करना है।
ट्रेडिंग और वायदा बाजार पर प्रभाव
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चना और सरसों की सरकारी खरीद बढ़ने से खुले बाजार में आपूर्ति घटेगी, जिससे निजी व्यापारियों के लिए स्टॉक की उपलब्धता सीमित हो सकती है।
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MSP पर खरीद से कीमतों को एक सपोर्ट मिलेगा, जिससे हाजिर और वायदा बाजार में तेजी देखने को मिल सकती है।
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राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों में कारोबारियों को खरीद रणनीति में बदलाव करना पड़ सकता है, क्योंकि सरकारी खरीद अधिक मात्रा में होगी।
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सरसों तेल उद्योग पर असर – बड़ी मात्रा में सरसों की MSP पर खरीद से तेल मिलर्स और प्रोसेसर्स को कच्चे माल की लागत पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है।
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चना और मसूर की खरीद से दलहन व्यापारियों के लिए आयात और स्टॉक प्रबंधन पर प्रभाव पड़ सकता है।
PM-AASHA योजना और सरकार की खरीद नीति
सरकार ने संशोधित प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (PM-AASHA) योजना के तहत इन फसलों की खरीद को मंजूरी दी है। इस योजना के तहत, अगले चार वर्षों (2028-29 तक) तक तूर (अरहर), उड़द और मसूर की 100% खरीद की जाएगी, यदि बाजार कीमतें MSP से नीचे जाती हैं।
खरीफ सीजन 2024-25 के लिए भी केंद्र ने MSP पर खरीद को मंजूरी दी है, जिसमें आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश में तूर (अरहर) की खरीद शामिल है।
निजी व्यापारियों और आयातकों के लिए संकेत
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सरसों और चने की सरकारी खरीद से निजी व्यापारियों को ऊंची कीमतों पर खरीद करनी पड़ सकती है।
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चना और मसूर के आयात पर दबाव बन सकता है, जिससे ऑस्ट्रेलिया और कनाडा जैसे निर्यातक देशों से आयात प्रभावित हो सकता है।
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NAFED और NCCF के पोर्टल के माध्यम से व्यापारियों को सरकारी खरीद नीतियों का पालन करना होगा।
सोयाबीन और तूर की बाजार स्थिति
सरकार ने रिकॉर्ड मात्रा में सोयाबीन की खरीद भी की है, क्योंकि बाजार में इसकी कीमतें MSP से नीचे आ गई थीं।
अब तक, NAFED और NCCF द्वारा आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र और तेलंगाना में 0.24 मिलियन टन तूर की MSP पर खरीद की जा चुकी है।
व्यापारिक दृष्टिकोण से प्रमुख बिंदु
✅ MSP पर सरकारी खरीद से हाजिर और वायदा बाजार में तेजी आ सकती है।
✅ निजी व्यापारियों को स्टॉक प्रबंधन और मूल्य रणनीति पर पुनर्विचार करना होगा।
✅ सरकार ने राज्यों से MSP से नीचे किसी भी खरीद को रोकने के निर्देश दिए हैं।
✅ NAFED और NCCF के पोर्टल पर पंजीकरण और खरीद प्रक्रिया आसान की गई है।
अगले कुछ महीनों में बाजार की दिशा सरकारी खरीद की गति और व्यापारियों की रणनीति पर निर्भर करेगी।