केंद्र सरकार ने गेहूं की कीमतों को नियंत्रित करने और जमाखोरी रोकने के लिए स्टॉक लिमिट में संशोधन किया है, जो 31 मार्च 2025 तक लागू रहेगा। रबी 2024 में 1132 एलएमटी गेहूं उत्पादन के बावजूद, सरकार ने व्यापारियों, खुदरा विक्रेताओं, बड़ी चेन रिटेलरों और प्रोसेसर्स के लिए स्टॉक सीमा घटा दी है। नए नियम के तहत, व्यापारियों की सीमा 1000 एमटी से घटाकर 250 एमटी, खुदरा विक्रेताओं की 5 एमटी से 4 एमटी, और बड़ी चेन रिटेलरों की सीमा 5 एमटी प्रति स्टोर से 4 एमटी कर दी गई है। सभी स्टॉक धारकों को सरकार के पोर्टल पर हर शुक्रवार को स्टॉक अपडेट करना अनिवार्य होगा, अन्यथा आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
भारत सरकार देश में गेहूं की कीमतों को नियंत्रित करने और उपभोक्ताओं के लिए स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए लगातार निगरानी रख रही है। रबी 2024 के दौरान गेहूं का कुल उत्पादन 1132 लाख मीट्रिक टन (LMT) दर्ज किया गया, जिससे देश में गेहूं की पर्याप्त उपलब्धता बनी हुई है।
देश में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और जमाखोरी व सट्टेबाजी को रोकने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में व्यापारियों, खुदरा विक्रेताओं, बड़ी खुदरा चेन और प्रोसेसर्स पर गेहूं की स्टॉक सीमा लागू की थी। यह आदेश 24 जून 2024 को जारी किया गया था और 9 सितंबर 2024 तथा 11 दिसंबर 2024 को संशोधित किया गया था।
अब सरकार ने गेहूं की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए स्टॉक सीमा को संशोधित किया है, जो 31 मार्च 2025 तक लागू रहेगी:
🔸 व्यापारी/थोक विक्रेता: पहले 1000 मीट्रिक टन की सीमा थी, जिसे घटाकर 250 मीट्रिक टन कर दिया गया है।
🔸 खुदरा विक्रेता: प्रत्येक रिटेल आउटलेट के लिए स्टॉक लिमिट 5 मीट्रिक टन से घटाकर 4 मीट्रिक टन कर दी गई है।
🔸 बड़ी खुदरा चेन: अब प्रत्येक आउटलेट के लिए अधिकतम 4 मीट्रिक टन स्टॉक रखने की अनुमति होगी, जो पहले 5 मीट्रिक टन थी।
🔸 प्रोसेसर: मासिक इंस्टॉल्ड कैपेसिटी (MIC) के 50% के आधार पर स्टॉक की सीमा पहले की तरह बनी रहेगी।
सभी गेहूं स्टॉकिंग संस्थाओं को स्टॉक लिमिट पोर्टल पर पंजीकरण करना अनिवार्य होगा और हर शुक्रवार को अपने स्टॉक की जानकारी अपडेट करनी होगी। नियमों का उल्लंघन करने पर आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की धारा 6 और 7 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
यदि कोई भी इकाई तय सीमा से अधिक स्टॉक रखती है, तो उन्हें अधिसूचना जारी होने के 15 दिनों के भीतर स्टॉक को निर्धारित सीमा में लाना होगा। खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग लगातार गेहूं के स्टॉक पर नजर बनाए हुए है ताकि कीमतों को नियंत्रित रखा जा सके और देश में गेहूं की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित हो सके।