तेल-तिलहनों में गिरावट जारी, मलेशिया एक्सचेंज में मंदी का असर

तेल-तिलहन बाजार पर मंदी का साया लगातार गहराता जा रहा है। मलेशिया में तेल कीमतों में गिरावट और निर्यात में भारी कमी के चलते सरसों, सोयाबीन, कच्चा पाम तेल (CPO), पामोलीन और .......पूरी खबर पढ़ने के लिए Amotraade डाउनलोड करें

International 25 Mar
marketdetails-img

नई दिल्ली, 24 मार्च 2025 – तेल-तिलहन बाजार पर मंदी का साया लगातार गहराता जा रहा है। मलेशिया में तेल कीमतों में गिरावट और निर्यात में भारी कमी के चलते सरसों, सोयाबीन, कच्चा पाम तेल (CPO), पामोलीन और बिनौला तेल के थोक दाम गिरकर बंद हुए। हालांकि, मंडियों में कमजोर आवक के कारण मूंगफली और सोयाबीन तिलहन के दाम स्थिर बने रहे

वैश्विक बाजारों में गिरावट का असर घरेलू बाजार पर भी साफ दिख रहा है। मलेशिया का निर्यात लगभग आधा घट चुका है, जिससे पाम तेल के दाम कमजोर हुए हैं। इसके अलावा, अगले महीने से मलेशिया में उत्पादन बढ़ने की संभावना है, जिससे अतिरिक्त आपूर्ति के दबाव में कीमतों में और गिरावट देखने को मिल सकती है।

🔹 बाजार में उतार-चढ़ाव के मुख्य कारण

सरसों की चाल: सुबह 100 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई, हालांकि दिन के अंत में 50 रुपये की रिकवरी देखी गई, क्योंकि व्यापारी किसानों से सस्ते दामों पर खरीदारी करने की कोशिश कर रहे हैं। बाजार में उम्मीद है कि एमएसपी पर सरकारी खरीद जल्द शुरू हो सकती है, जिससे दामों में स्थिरता आ सकती है।

सोयाबीन तेल पर दबाव: आयातकों पर बैंकों के लोन भुगतान का दबाव बढ़ रहा है, जिसके कारण वे लागत से भी कम दाम पर बिकवाली कर रहे हैं। मंडियों में सोयाबीन तिलहन की आवक आधी रह गई है, लेकिन फिर भी इसके दाम एमएसपी से काफी नीचे बने हुए हैं। इससे चिंता बढ़ रही है कि सोयाबीन का हाल भी सूरजमुखी जैसा हो सकता है, यानी घरेलू उत्पादन घटने के कारण भारत को आयात पर ज्यादा निर्भर होना पड़ सकता है।

मूंगफली में विरोधाभास: थोक बाजार में मूंगफली तिलहन के दाम एमएसपी से 14-15% नीचे चल रहे हैं, जबकि खुदरा बाजार में कीमतें लगातार ऊंची बनी हुई हैं। यह अंतर सरकार के लिए चिंता का विषय है, क्योंकि थोक और खुदरा मूल्यों के बीच बढ़ती खाई उपभोक्ताओं और किसानों, दोनों को प्रभावित कर रही है। सरकार को इस असंतुलन को कम करने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।

📊 प्रमुख तेल-तिलहन भाव (रुपये प्रति क्विंटल):

  • सरसों तिलहन: ₹6,025-6,125

  • मूंगफली तिलहन: ₹5,725-6,050

  • सरसों तेल (दादरी): ₹13,000

  • सोयाबीन तेल (दिल्ली): ₹13,500

  • सोयाबीन डीगम (कांडला): ₹9,450

  • सीपीओ (कांडला): ₹12,800

  • बिनौला तेल (हरियाणा): ₹13,600

  • पामोलिन (दिल्ली): ₹14,350

  • सोयाबीन दाना: ₹4,180-4,230

📉 आगे क्या?

👉 सरसों और सोयाबीन किसानों की चिंता बढ़ी, क्योंकि इनके दाम अब भी एमएसपी से नीचे बने हुए हैं।
👉 मलेशिया का निर्यात घटा और अगले महीने उत्पादन बढ़ेगा, जिससे पाम तेल पर दबाव बना रहेगा।
👉 खाद्य तेलों की खुदरा कीमतें ऊंची, जबकि थोक बाजार में दाम गिर रहे हैं – सरकार को इस अंतर को कम करने के लिए हस्तक्षेप करना होगा।

Related News

Market Rates

Chana

View ->


Ground Nut

View ->


Wheat

View ->


Soybean

View ->



Moong

View ->