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डब्ल्यूटीआई क्रूड की कीमतों में मजबूती: अमेरिका-चीन वार्ता और वैश्विक तनावों का असर

अंतरराष्ट्रीय तेल बाजार में एक बार फिर तेजी का रुख देखने को मिल रहा है। वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) क्रूड ऑयल के फ्यूचर्स मंगलवार को करीब 65.58 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार करते नजर आए। यह बीते दो महीनों में इसका उच्चतम ...

International 10 Jun
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अंतरराष्ट्रीय तेल बाजार में एक बार फिर तेजी का रुख देखने को मिल रहा है। वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) क्रूड ऑयल के फ्यूचर्स मंगलवार को करीब 65.58 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार करते नजर आए। यह बीते दो महीनों में इसका उच्चतम स्तर है, जो संकेत देता है कि ऊर्जा बाजार में फिर से सकारात्मक धारणा बन रही है।

WTI क्रूड क्या है?
WTI (West Texas Intermediate) एक प्रमुख कच्चे तेल का बेंचमार्क है, जिसका उपयोग अमेरिकी बाजार में तेल की कीमत तय करने के लिए किया जाता है। यह हल्का और मीठा (light and sweet) कच्चा तेल होता है, जिसका उपयोग पेट्रोल और डीजल जैसे ईंधनों के निर्माण में होता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसके साथ-साथ ब्रेंट क्रूड भी एक अन्य महत्वपूर्ण बेंचमार्क माना जाता है।

तेल की कीमतों में इस तेजी के पीछे कई अहम वजहें हैं। सबसे पहले, लंदन में चल रही अमेरिका और चीन के बीच उच्च स्तरीय व्यापार वार्ता से निवेशकों को सकारात्मक संकेत मिले हैं। अमेरिका की ओर से इसे "सकारात्मक" बातचीत बताया गया है, जिससे उम्मीद की जा रही है कि व्यापार टैरिफ में कटौती हो सकती है। अगर ऐसा होता है, तो वैश्विक आर्थिक गतिविधियों में सुधार होगा और ऊर्जा की मांग भी बढ़ेगी, जो तेल कीमतों को सपोर्ट देगा।

इसके साथ ही रूस-यूक्रेन युद्ध और अमेरिका-ईरान परमाणु समझौते पर जारी अनिश्चितता जैसे भू-राजनीतिक तनाव भी बाजार में समर्थन देने वाले कारक बने हुए हैं। ऐसे माहौल में आमतौर पर निवेशक कच्चे तेल जैसे सुरक्षित माने जाने वाले कमोडिटी की ओर रुख करते हैं।

आपूर्ति पक्ष की बात करें तो, तेल उत्पादक देशों के समूह ओपेक+ की आगामी नीति भी महत्वपूर्ण है। सऊदी अरब ने अगस्त से उत्पादन में रोजाना करीब 4.11 लाख बैरल की बढ़ोतरी का सुझाव दिया है, और सितंबर में और वृद्धि की संभावना जताई गई है। इससे बाजार में यह डर है कि सप्लाई ज्यादा हो जाने पर कीमतों पर दबाव बन सकता है, लेकिन फिलहाल मांग की अपेक्षा सप्लाई कम है, जिससे दाम स्थिर बने हुए हैं।

ब्रेंट क्रूड, जो यूरोप और अन्य वैश्विक बाजारों में एक प्रमुख बेंचमार्क है, भी इसी सकारात्मक रुख के साथ 67.35 डॉलर प्रति बैरल के आसपास कारोबार करता नजर आया।

अगले कुछ दिनों में बाजार की नजर अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता के नतीजों, रूस-यूक्रेन युद्ध की स्थिति और ओपेक+ के अगले कदमों पर रहेगी। इन सब कारकों से यह तय होगा कि आने वाले हफ्तों में तेल की कीमतें और किस दिशा में बढ़ेंगी।

निष्कर्ष:
वर्तमान में कच्चे तेल के बाजार में जो तेजी दिख रही है, वह वैश्विक आर्थिक संकेतकों, भू-राजनीतिक घटनाओं और उत्पादन निर्णयों का सम्मिलित परिणाम है। WTI और ब्रेंट दोनों बेंचमार्क क्रूड की मजबूती यह संकेत देती है कि निवेशकों का भरोसा फिलहाल बना हुआ है, लेकिन भविष्य की दिशा इन जटिल कारकों पर निर्भर करेगी।

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