सरकार ने इथेनॉल निर्माताओं के लिए FCI के अतिरिक्त भंडार से चावल की कीमत 20% घटाकर ₹2250/क्विंटल कर दी है, जिससे अनाज आधारित इथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। पहले ऊंची कीमतों के कारण चावल से इथेनॉल बनाना मुश्किल था, लेकिन नई दरें उत्पादन को व्यावसायिक रूप से संभव बनाएंगी। सरकार ने राज्य सरकारों और इथेनॉल डिस्टिलरीज को क्रमशः 1.2 मिलियन टन और 2.4 मिलियन टन चावल खरीदने की अनुमति दी है, जिससे मक्का पर दबाव कम होगा और राष्ट्रीय ऊर्जा रणनीति को बल मिलेगा।
सरकार ने खाद्य निगम भारत (FCI) के अतिरिक्त भंडार से इथेनॉल निर्माताओं को आवंटित चावल की कीमतों में भारी कमी का निर्णय लिया है। यह कदम अनाज आधारित इथेनॉल निर्माताओं के लिए कच्चे माल की कीमतों में स्थिरता लाने में मदद करेगा।
नई कीमतें और उनके प्रभाव
ग्रेन इथेनॉल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (GEMA) के कोषाध्यक्ष और समिति प्रमुख, अभिनव सिंघल ने बताया, "पिछले एक साल से ऊंचे स्तर पर चल रही चावल की कीमतें अब कम होंगी। सरकार ने FCI के ओपन मार्केट सेल स्कीम के तहत चावल की कीमत 20% घटाकर ₹2800/क्विंटल से ₹2250/क्विंटल कर दी है।"
उन्होंने यह भी कहा कि पहले ₹28/किलोग्राम की कीमत पर इथेनॉल इकाइयों के लिए चावल से इथेनॉल उत्पादन आर्थिक रूप से व्यावहारिक नहीं था। इसके अलावा, पोल्ट्री और पशु आहार उद्योग की मांग के कारण मक्का की कीमतों में तेज वृद्धि देखी गई है।
इथेनॉल उत्पादन में वृद्धि की संभावना
देश में वार्षिक 1000 करोड़ लीटर जैव ईंधन उत्पादन में लगभग 65% योगदान देने वाले 70 अनाज आधारित इथेनॉल निर्माता अब कम कीमतों पर चावल का उपयोग करके उत्पादन बढ़ा सकते हैं। शेष 35% उत्पादन गन्ने से होता है।
सरकार का नया आदेश
पिछले सप्ताह खाद्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने राज्य सरकारों और इथेनॉल निर्माताओं को FCI के अतिरिक्त चावल भंडार से 20% कम कीमत पर चावल खरीदने की अनुमति दी।
नए आदेश के अनुसार:
- राज्य सरकारें और उनके निगम 1.2 मिलियन टन तक चावल खरीद सकते हैं।
- इथेनॉल डिस्टिलरी 2.4 मिलियन टन चावल कम दर पर खरीद सकती हैं।
सरकार ने पिछले साल अगस्त में 13 महीने के प्रतिबंध के बाद इथेनॉल डिस्टिलरी के लिए केंद्रीय भंडार से 2.3 मिलियन टन चावल ₹28/किलो की दर से बेचने की अनुमति दी थी।
स्टॉक की स्थिति और उद्योग की मांग
इस समय FCI और अन्य एजेंसियों के पास 31.3 मिलियन टन चावल का भंडार है, जो 7.61 मिलियन टन के आवश्यक बफर से काफी अधिक है।
एक अधिकारी ने सुझाव दिया, "इथेनॉल उद्योग की स्थिरता के लिए सरकार को मानवीय उपभोग के लिए अनुपयुक्त चावल ₹20-21 प्रति किलो की दर से जारी करना चाहिए।"
तेजी से बढ़ेगी इथेनॉल उत्पादन क्षमता
वर्तमान में तेल विपणन कंपनियां चावल से बने इथेनॉल के लिए ₹64/लीटर का भुगतान करती हैं। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु के अनाज आधारित इथेनॉल निर्माता चावल और मक्का को मुख्य कच्चे माल के रूप में उपयोग कर रहे हैं।
सरकार का दृष्टिकोण
खाद्य मंत्री जोशी ने कहा, "ये फैसले राज्यों की योजनाओं को समर्थन देने, खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देने और राष्ट्रीय ऊर्जा रणनीति के तहत इथेनॉल उत्पादन को बढ़ाने की भारत सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।"