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एफसीआई मार्च 2025 तक खुले बाजार में 25 लाख मीट्रिक टन गेहूं की बिक्री करेगा
सरकार ने मार्च 2025 तक बड़े खरीदारों को खुले बाजार में 25 लाख मीट्रिक टन गेहूं बेचने का फैसला किया है। इस कदम का उद्देश्य कीमतों में बढ़ोतरी रोकना है। फिलहाल गेहूं का खुदरा मूल्य ₹32 प्रति किलो है। एफसीआई के पास 16 नवंबर तक 1.07 करोड़ टन का स्टॉक था। 2023-24 में गेहूं उत्पादन का अनुमान 112.92 मिलियन टन है।
सरकार ने खाद्य निगम (एफसीआई) के बफर स्टॉक से आटा मिलों जैसे बड़े खरीदारों को खुले बाजार में 25 लाख मीट्रिक टन (LMT) गेहूं बेचने का निर्णय लिया है। यह बिक्री मार्च 2025 तक जारी रहेगी। खाद्य मंत्रालय के अनुसार, इस कदम का उद्देश्य आने वाले दिनों में कीमतों में बढ़ोतरी की संभावना को रोकना है। पिछले साल, एफसीआई ने जून से खुले बाजार में रिकॉर्ड 10 मिलियन टन (MT) गेहूं उतारा था।
उपभोक्ता मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, हाल के दिनों में गेहूं का औसत खुदरा मूल्य लगभग ₹32 प्रति किलो बना हुआ है। आटा मिलें लंबे समय से सरकार से खुले बाजार में गेहूं उपलब्ध कराने की मांग कर रही थीं। 16 नवंबर तक एफसीआई के पास 10770857 मीट्रिक टन गेहूं का भंडार था।
भारत में 1 अप्रैल से शुरू हुई गेहूं की खरीद 30 जून को समाप्त हुई, जिसमें एफसीआई ने 26.6 मिलियन टन गेहूं खरीदा। हालांकि, यह सरकार द्वारा तय 37.3 मिलियन टन के लक्ष्य से कम रहा क्योंकि निजी व्यापारियों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) ₹2,275 प्रति क्विंटल से अधिक कीमत पर खरीदारी की। कृषि मंत्रालय के अनुसार, 2023-24 फसल वर्ष (जुलाई-जून) में गेहूं उत्पादन का अनुमान 112.92 मिलियन टन है।