उत्तर-पूर्वी राज्यों में दाल और बागवानी फसल उत्पादन बढ़ाने के लिए भारत सरकार का कदम, खाद्य मूल्य प्रबंधन में सुधार की उम्मीद

गुवाहाटी, असम में आज उपभोक्ता मामले मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित दिनभर के Round Table सम्मेलन में सचिव, श्रीमती निधि खरे ने उत्तर-पूर्वी राज्यों से दाल और बागवानी फसलों के उत्पादन में वृद्धि पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इन फसलों के उत्पादन में बढ़ोतरी से देश में दालों की उपलब्धता बढ़ेगी, आयात पर निर्भरता कम होगी, और खाद्य महंगाई पर नियंत्रण पाया जा सकेगा। उनका मानना था कि 2027 तक दालों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने में उत्तर-पूर्वी राज्यों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।

Government 09 Nov  PIB
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भारत सरकार का 'उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में दाल और बागवानी फसलों का उत्पादन बढ़ाने' पर Round Table सम्मेलन

उत्तर-पूर्वी राज्यों को दाल और बागवानी फसलों के उत्पादन पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता: उपभोक्ता मामले सचिव

गुवाहाटी, असम में आज उपभोक्ता मामले मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित दिनभर के Round Table सम्मेलन में सचिव, श्रीमती निधि खरे ने उत्तर-पूर्वी राज्यों से दाल और बागवानी फसलों के उत्पादन में वृद्धि पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इन फसलों के उत्पादन में बढ़ोतरी से देश में दालों की उपलब्धता बढ़ेगी, आयात पर निर्भरता कम होगी, और खाद्य महंगाई पर नियंत्रण पाया जा सकेगा। उनका मानना था कि 2027 तक दालों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने में उत्तर-पूर्वी राज्यों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।

सचिव ने 5 नवंबर 2024 को गुवाहाटी के चांगसारी स्टेशन पर 840 मीट्रिक टन प्याज की रेल रेक द्वारा पहुंचने का भी उल्लेख किया, जो असम, मेघालय, त्रिपुरा और अन्य उत्तर-पूर्वी राज्यों में वितरित किया जा रहा है। इस पहल से प्याज की कीमतों में कमी आएगी और उपलब्धता बढ़ेगी।

कार्यशाला में राज्य सरकारों, अनुसंधान संस्थाओं और अन्य हितधारकों के साथ मिलकर दाल और बागवानी फसलों के उत्पादन को बढ़ाने और खाद्य मूल्य प्रबंधन के लिए समग्र रणनीति बनाई गई। इसमें NCCF के योगदान को भी सराहा गया, जो किसान पंजीकरण और MSP पर खरीद-बैक व्यवस्था को बढ़ावा दे रहा है।

उत्तर-पूर्वी राज्यों के प्रतिनिधियों ने सक्रिय रूप से चर्चा में भाग लिया और उत्पादन बढ़ाने व मूल्य स्थिरता के लिए सहयोग की प्रतिबद्धता व्यक्त की।