गेहूं आयात नीति पर सरकार का इंतजार: वैश्विक बाजार में गिरावट के बावजूद आयात पर रोक

वैश्विक बाजार में गेहूं के दाम में गिरावट आई है, जिससे आयात करना फायदेमंद हो सकता है। हाल ही में अल्जीरिया ने ब्लैक सी क्षेत्र से 263 डॉलर प्रति टन के हिसाब से गेहूं का आयात किया है, जो भारत के लिए भी एक संभावित विकल्प बन सकता है।

Agriculture 14 Nov 2024  VTMA Service
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रबी सीजन की बुवाई को देखते हुए सरकार ने फिलहाल गेहूं के आयात पर रोक लगा दी है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यदि मौजूदा स्थिति बनी रही, तो अगले सीजन तक देश में गेहूं की आपूर्ति में कमी हो सकती है।

वैश्विक बाजार में गेहूं के दाम में गिरावट आई है, जिससे आयात करना फायदेमंद हो सकता है। हाल ही में अल्जीरिया ने ब्लैक सी क्षेत्र से 263 डॉलर प्रति टन के हिसाब से गेहूं का आयात किया है, जो भारत के लिए भी एक संभावित विकल्प बन सकता है।

सरकार फिलहाल घरेलू फसल के उत्पादन के आंकड़ों का इंतजार कर रही है, और उसके बाद ही गेहूं के आयात पर कोई निर्णय लिया जाएगा।

गेहूं की आपूर्ति पर नजर:

आगामी 5 महीनों तक, यानी नई फसल आने तक, देश में गेहूं की आपूर्ति में भारी कमी की संभावना जताई जा रही है। इस स्थिति को देखते हुए आटा मिलर्स और उद्योग जगत ने सरकार से तुरंत कदम उठाने का आग्रह किया है।

उन्होंने सरकार से ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) को सक्रिय करने या आयात शुल्क में कमी करने की अपील की है। ऐसा न करने पर गेहूं और आटे की कीमतों में भारी वृद्धि हो सकती है।

गेहूं की कीमतों पर असर:

पिछले साल के मुकाबले गेहूं के दाम में ₹400 तक की बढ़ोतरी हो चुकी है। अगर सरकार जल्द कोई कदम उठाती है, तो गेहूं की कीमतों में तेजी पर कुछ समय के लिए ब्रेक लग सकता है।

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