खुदरा विक्रेताओं को दालों की कीमतें घटाने के निर्देश, मंडी दरों में आई गिरावट के अनुरूप समायोजन की अपील

उपभोक्ता मामलों के विभाग ने खुदरा विक्रेताओं से दालों की कीमतों को मंडी दरों में आई गिरावट के अनुसार घटाने की अपील की है, ताकि उपभोक्ताओं को लाभ मिल सके। बीते कुछ महीनों में तुअर, मसूर, चना, मूंग, मटर और उड़द की थोक कीमतों में 5-20% तक गिरावट आई है, लेकिन खुदरा कीमतें अभी भी स्थिर बनी हुई हैं। नई फसल की आवक और बढ़ते आयात के कारण मंडी में दालों के दाम MSP के करीब आ गए हैं। सरकार ने कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में तुअर दाल की खरीद फिर से शुरू की है, जबकि कर्नाटक सरकार ने MSP से ऊपर ₹450 प्रति क्विंटल का बोनस देने की घोषणा की है। कृषि मंत्रालय ने 2024-25 में दाल उत्पादन बढ़ाकर 29.9 मिलियन टन करने का लक्ष्य रखा है। पिछले पांच वर्षों में भारत ने 11% से अधिक दाल आयात किया है, जो मुख्य रूप से कनाडा, रूस, ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों से हुआ है।

Government 10 Feb  Financial Express
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उपभोक्ता मामलों के विभाग ने खुदरा विक्रेताओं से दालों की कीमतों को घटाने की अपील की है ताकि उपभोक्ताओं को मंडी में आई गिरावट का लाभ मिल सके। सूत्रों के अनुसार, बीते कुछ महीनों में तुअर, मसूर, चना, मूंग, मटर और उड़द जैसी दालों की थोक कीमतों में 5-20% तक की गिरावट आई है, लेकिन खुदरा बाजार में इनके दाम अभी भी ऊंचे बने हुए हैं।

उपभोक्ता मामलों के विभाग के मूल्य निगरानी प्रकोष्ठ के अनुसार, तुअर, उड़द और मसूर की खुदरा कीमतें बीते तीन महीनों में स्थिर बनी हुई हैं, जो क्रमशः ₹160, ₹120 और ₹90 प्रति किलोग्राम हैं। हालांकि, मूंग की कीमत में 8% की गिरावट दर्ज की गई है, जो अब ₹110 प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई है।

लातूर, महाराष्ट्र स्थित पल्स प्रोसेसिंग कंपनी कलंत्री फूड प्रोडक्ट्स के प्रबंध निदेशक नितिन कलंत्री ने कहा कि खुदरा कीमतों में गिरावट आने में समय लगता है, लेकिन आने वाले कुछ हफ्तों में कीमतें नरम हो सकती हैं।

मंडी दरों और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की स्थिति:
कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में खरीफ फसल की नई आवक और मजबूत आयात के चलते तुअर, उड़द और मूंग जैसी दालों की मंडी कीमतें MSP के करीब आ गई हैं। लातूर मंडी में नई तुअर और उड़द की कीमतें क्रमशः ₹7550 और ₹7400 प्रति क्विंटल MSP के आसपास हैं। जबकि पिछले दो वर्षों में उत्पादन में गिरावट के कारण इनकी मंडी कीमतें ₹90-₹100 प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई थीं, जिससे खुदरा बाजार में दाम काफी बढ़ गए थे।

इस दौरान, NAFED और NCCF जैसी सरकारी एजेंसियां MSP पर दालों की खरीद नहीं कर सकीं क्योंकि उनकी कीमतें MSP से काफी ऊपर थीं। हालांकि, इस साल प्रमुख दालों की कीमतें MSP के करीब होने के कारण, सरकार ने कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में तुअर दाल की खरीद फिर से शुरू कर दी है।

पल्स उत्पादन में बढ़ोतरी की योजना:
कृषि मंत्रालय ने 2024-25 फसल वर्ष में दालों का उत्पादन 29.9 मिलियन टन (MT) करने का लक्ष्य रखा है, जो 2023-24 के मुकाबले 23% अधिक है। पिछले वर्ष प्रतिकूल मौसम परिस्थितियों के कारण दाल उत्पादन 24.24 मिलियन टन ही रह गया था, जो 7% की गिरावट को दर्शाता है।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2025-26 में घोषणा की थी कि अगले चार वर्षों में NAFED और NCCF पंजीकृत किसानों से तुअर, उड़द और मसूर की असीमित खरीद करेंगे।

दाल आयात की स्थिति:
पिछले पांच वर्षों में, भारत ने अपनी वार्षिक दाल खपत का 11% से अधिक हिस्सा आयात किया है। यह आयात मुख्य रूप से कनाडा, रूस, ऑस्ट्रेलिया, म्यांमार, तंजानिया, मलावी और मोज़ाम्बिक से किया गया है।

महाराष्ट्र में जल्द ही तुअर की खरीद शुरू होने वाली है, जबकि कर्नाटक सरकार ने MSP से ऊपर ₹450 प्रति क्विंटल का बोनस देने की घोषणा की है। इसके अलावा, कृषि मंत्रालय ने कर्नाटक में 96,498 टन चना (बंगाल ग्राम) की खरीद को भी मंजूरी दी है, जो चने के विकल्प के रूप में खरीदा जाएगा।

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