तमिलनाडु में भारी वर्षा से दलहन फसलों को भारी नुकसान, किसान परेशान
तमिलनाडु के विभिन्न जिलों में उत्तर-पूर्व मानसून की जोरदार बारिश के कारण दलहन फसलों को गंभीर नुकसान हुआ है। खासकर थूथुकुडी जिले में पहले समुद्री तूफान फेंगल और अब भारी बारिश के कारण फसलों को जबरदस्त क्षति हुई है। जिले के उत्तरी हिस्से में काली मिट्टी पाई जाती है, और वहां कृषि कार्य के लिए सीजनल बारिश पर किसानों की निर्भरता अधिक होती है।
तमिलनाडु में भारी वर्षा
मदुरे देश के सुदूर दक्षिणी राज्य- तमिलनाडु के विभिन्न जिलों में उत्तर-पूर्व मानसून की जोरदार बारिश का दौर जारी रहने से खासकर दलहन फसलों को भारी क्षति होने की सूचना मिल रही है।
इसमें थूथुकुडी जिला भी शामिल है जहां पहले फेंगल नामक समुद्री चक्रवाती तूफान की वजह से मूसलाधार बारिश हुई और अब उत्तर पूर्व मानसून की भारी वर्षा हो रही है। थूथुकुडी जिले के उत्तरी भाग में फसलों को विशेष नुकसान हो रहा है जबकि अन्य क्षेत्रों पर भी असर पड़ा है।
उल्लेखनीय है कि थूथुकुडी जिले के उत्तरी भाग में काली मिटटी पाई जाती है और इसलिए वहां कृषि कार्य के लिए सीजनल बारिश पर किसानों की निर्भरता ज्यादा रहती है।
सामान्य वर्षा वहां फसलों के लिए बेहद लाभदायक साबित होती है मगर जब लगातार जोरदार बारिश का दौर जारी रहता है तब दलहन एवं प्याज की फसल बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो जाती है।
हाल के वर्षों में जलवायु परिवर्तन होने की वजह से इस रोग में फसलों की बिजाई की अवधि जुलाई-अगस्त से आगे खसक कर सितम्बर में पहुंच गई है।
थूथुकुडी जिले में रबी सीजन के दौरान आमतौर पर उड़द, मूंग, मक्का, प्याज तथा बाजरा आदि की खेती होती है इसलिए पिछले कुछ दिनों के दौरान हुई जोरदार बारिश से खेतों में पानी भर जाने के कारण खासकर उड़द एवं प्याज की फसल को जबरदस्त क्षति हुई है।
इससे किसान बेहद चिंतित और परेशान हैं। सैकड़ों एकड़ में फसल के बर्बाद होने से किसानों की आर्थिक स्थिति डावांडोल हो गई है। कुछ क्षेत्रों में तो किसानों ने अधपकी फसलों की कटाई तैयारी आरंभ भी कर दी है। इसके दाने पूरी तरह परिपक्क नहीं हुए हैं। किसानों को सरकारी सहायता की प्रतीक्षा है।