दिल्ली-NCR समेत उत्तर भारत के बड़े हिस्सों में मौसम ने अचानक करवट ली है, जिसका सीधा असर मंडी गतिविधियों, माल ढुलाई, और कृषि उपज की गुणवत्ता पर देखने को मिल सकता है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने क्षेत्र में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जिसमें तेज़ हवाओं, गरज-चमक और बारिश की संभावना जताई गई है। यह बदलाव कृषि उत्पादों की खरीद-बिक्री, भंडारण और लॉजिस्टिक्स को प्रभावित कर सकता है।
मंडियों में आवक और ढुलाई पर असर
नोएडा, गाज़ियाबाद, फरीदाबाद और गुरुग्राम समेत पूरे NCR क्षेत्र में तेज़ हवाओं और वर्षा की चेतावनी के चलते खुले ट्रकों में लदी कृषि उपज जैसे अनाज, दालें, और फल-सब्ज़ियां नुकसान का शिकार हो सकती हैं। मंडियों में खुली जगहों पर रखे माल की सुरक्षा पर खास ध्यान देने की ज़रूरत है। व्यापारी वर्ग को सलाह दी जाती है कि वो अस्थायी ढांचों, टीन शेड्स और खुले गोदामों से माल को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करें।
मंडी संचालन और किसान आवाजाही बाधित हो सकती है
हवा के तेज झोंकों और संभावित बारिश के कारण खरीद केंद्रों पर भीड़ घट सकती है, जिससे व्यापार में सुस्ती आएगी। कई किसानों के लिए मंडियों तक पहुँचने में बाधाएं आ सकती हैं, जिससे आवक में गिरावट संभव है। व्यापारी मंडी भावों में तत्काल उतार-चढ़ाव के लिए तैयार रहें।
भंडारण व गुणवत्ता पर असर
बारिश और नमी के कारण खुले में रखी दालें, चना, मूंग, गेहूं और सोयाबीन जैसी फसलें नमी के संपर्क में आकर गुणवत्ता खो सकती हैं, जिससे कीमतों पर दबाव बन सकता है। यदि बारिश लंबी चली, तो आने वाले सप्ताह में मंडी में सप्लाई कम, लेकिन मांग अधिक हो सकती है — जिससे भावों में तेजी का माहौल बन सकता है।
पूर्वी भारत में लू का प्रकोप: फसल श्रम और कटाई प्रभावित
वहीं दूसरी ओर, ओडिशा के 19 से अधिक जिलों में तापमान 40°C से ऊपर चला गया है। संभलपुर में 43.2°C और भुवनेश्वर में 40.7°C दर्ज किया गया। आने वाले 24 घंटों में बालासोर, कटक, पुरी और खुर्दा जैसे जिलों में हीटवेव अलर्ट जारी है।
इस गर्मी के कारण खेतों में श्रमिकों की सक्रियता घट सकती है, जिससे फसल की कटाई, छंटाई और ढुलाई धीमी हो सकती है। इससे कृषि उत्पाद मंडियों में समय पर नहीं पहुँच पाएंगे, जो थोक व्यापार पर असर डालेगा। हाइड्रेशन बनाए रखना और मजदूरों के लिए दोपहर के समय कार्य रोकना आवश्यक है।
Amotrade सलाह:
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व्यापार से जुड़े सदस्य आज और आने वाले 2–3 दिनों तक मौसम अपडेट पर सतर्क नजर बनाए रखें।
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खुले में रखे स्टॉक को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट करें।
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मंडी के व्यापारिक निर्णय मौसम और सप्लाई चेन स्थिति देखकर ही लें।
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