देश के कई हिस्सों में मौसम का मिजाज अचानक बदल गया है। जून की शुरुआत के साथ ही दक्षिण-पश्चिम मानसून ने पूर्वोत्तर भारत में समय से पहले दस्तक दी है, जिससे असम, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम जैसे राज्यों में मध्यम से भारी बारिश हुई है। कई इलाकों में अत्यधिक वर्षा दर्ज की गई है। इसके साथ ही उत्तर बिहार और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल में तेज बौछारों के साथ रुक-रुक कर बारिश हो रही है।
उत्तर भारत की बात करें तो पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और पूर्वी राजस्थान में अगले 24 घंटों में हल्की से मध्यम बारिश, गरज-चमक और कुछ स्थानों पर धूल भरी आंधी की संभावना है। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भी मौसम सक्रिय बना हुआ है और पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार बारिश जारी है।
दक्षिण भारत में केरल, तटीय कर्नाटक, तमिलनाडु और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में वर्षा का सिलसिला बना हुआ है। वहीं, मध्य भारत के हिस्सों—जैसे विदर्भ, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश—में भी गरज-चमक के साथ बारिश दर्ज की गई है।
ये मौसमी बदलाव कृषि जिंसों के व्यापार पर सीधा प्रभाव डाल सकते हैं। पंजाब, हरियाणा, यूपी और राजस्थान जैसे प्रमुख मंडी क्षेत्रों में बारिश और आंधी से आवक पर असर पड़ेगा और लॉजिस्टिक्स की गति कुछ समय के लिए धीमी हो सकती है। पूर्वोत्तर भारत में मानसून की जल्दी शुरुआत से दलहन और मसालों की बुआई में तेजी आने की उम्मीद है, जिससे वहां से डिमांड और सप्लाई में हलचल रह सकती है।
उत्तर बिहार और पश्चिम बंगाल में हो रही लगातार बारिश मटर, मसूर और चना जैसी फसलों के लिए अनुकूल मानी जा रही है। वहीं दक्षिण और मध्य भारत में मानसून की सक्रियता खरीफ सीजन की शुरुआत के लिए सकारात्मक संकेत दे रही है।
आगामी दिनों में व्यापारियों और ब्रोकरों को मंडियों की स्थिति, स्टॉक मूवमेंट और मौसम के बदलते रुख के अनुसार रणनीति बनानी होगी। जिन इलाकों में बारिश तेज है, वहां खरीदारी की रफ्तार धीमी पड़ सकती है, जबकि शुष्क क्षेत्रों में व्यापार सुचारु रूप से चल सकता है। आने वाले दिनों में यह मौसमी बदलाव कई जिंसों की कीमतों को प्रभावित कर सकता है, इसलिए भावों पर सतत निगरानी जरूरी है।