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पश्चिम एशियाई देशों से मजबूत मांग के बीच भारत का सोयामील निर्यात 8% बढ़ा
पश्चिम एशिया से मजबूत मांग के कारण अक्टूबर से मई 2023-24 तक भारत का सोयामील निर्यात 8% बढ़कर 16.41 लाख टन पर पहुंच गया। घरेलू खपत कम होने के बावजूद पेराई गतिविधियां बढ़ीं और उत्पादन बढ़कर 68.26 लाख टन हो गया। सोयाबीन का स्टॉक घटकर 45.71 लाख टन रह गया, जबकि आयात और शेष स्टॉक में वृद्धि देखी गई। प्रमुख खरीदारों में ईरान, यूएई, बांग्लादेश और नेपाल शामिल थे।
सोयामील निर्यात में वृद्धि: तेल वर्ष 2023-24 की अक्टूबर-मई अवधि के दौरान भारत के सोयामील निर्यात में लगभग 8% की वृद्धि हुई। यह वृद्धि पश्चिम एशिया से बढ़ती मांग के कारण हुई, जिसमें कुल निर्यात पिछले वर्ष की समान अवधि के 15.16 लाख टन की तुलना में 16.41 लाख टन तक पहुँच गया। यह घरेलू चुनौतियों के बावजूद भारतीय सोयामील के लिए एक मजबूत अंतरराष्ट्रीय बाजार को दर्शाता है।
बाजार में सोयाबीन की आवक और पेराई: सोयाबीन की बाजार में आवक थोड़ी कम रही, जो पिछले वर्ष के 91 लाख टन की तुलना में 89.50 लाख टन थी। इसके बावजूद, पेराई गतिविधियों में सुधार हुआ, मई तक 86.50 लाख टन प्रसंस्करण हुआ, जो पिछले वर्ष के 83.50 लाख टन से अधिक है।
सोयाबीन स्टॉक स्तर: 1 जून तक, पेराई इकाइयों, व्यापारियों और किसानों द्वारा रखे गए सोयाबीन स्टॉक का अनुमान 45.71 लाख टन था। यह पिछले वर्ष की समान अवधि के 53.87 लाख टन से कम है।
शेष स्टॉक में वृद्धि: 1 जून तक शेष सोयामील स्टॉक 2.31 लाख टन था, जो पिछले वर्ष के 1.52 लाख टन से अधिक है।