मंडी भाव: 110 रुपये से ऊपर जाएगी चने की दाल का मार्केट प्राइस, ये है गिरावट की वजह

चना उत्पादक किसानों और दाल व्यापारियों का कहना है कि इस साल रकबा घटने से चने का उत्पादन कम रहेगा. साथ ही रबी सीजन के दौरान नमी की कमी के कारण कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों में चने का उत्पादन कम होने की खबरें आई हैं।


Agriculture 06 Mar  Timesbull
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आने वाले दिनों में आम जनता पर एक बार फिर महंगाई की मार पड़ने वाली है. कहा जा रहा है कि चना दाल की कीमत में काफी बढ़ोतरी हो सकती है. व्यापारियों का कहना है कि चना दाल की खुदरा कीमत 110 रुपये प्रति किलो या इससे भी अधिक होने की संभावना है. इस समय देशभर के बाजारों में चना दाल दूसरी सबसे सस्ती दाल है। खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, मसूर दाल के अलावा चना दाल सबसे सस्ती दाल है. फिलहाल बाजार में इसकी कीमत 85 से 95 रुपये प्रति किलो के बीच है इसके मुताबिक मूंग, मसूर, अरहर और उड़द जैसी दालों की कीमत 130-140 रुपये प्रति किलो से ज्यादा है. उम्मीद है कि इनकी कीमतें अभी नहीं बढ़ेंगी. ये दालें इस साल के अंत तक इसी रेंज में कारोबार करती रहेंगी। दरअसल, केंद्र सरकार की ओर से 29 फरवरी को जारी खरीफ-रबी सीजन के दूसरे अग्रिम अनुमान में चने का उत्पादन 121.61 लाख टन होने का अनुमान लगाया गया है, जो 2022-23 के 122.67 लाख टन से थोड़ा कम है. यही वजह है कि चना दाल की कीमतों में बढ़ोतरी की बात कही जा रही है.

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