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Mustard Oil Price: विदेशी बाजारों में गिरावट के रुख सरसों तेल हुआ मंदा, आगे गिरावट के आसार कम
अन्तर्राष्ट्रीय मार्केट में खाद्य तेलों की क़ीमतों में गिरावट एवं कमजोर मांग के चलते बीते कुछ दिनों में सरसों तेल के भाव 700 रुपये प्रति क्विंटल तक घट चुके है । बाज़ार के जानकारों की माने तो भविष्य में सरसों तेल के दाम में इसमें और ज्यादा गिरावट की फिलहाल गुंजाईश नज़र नहीं आ रही ।
ताजा सर्वे के अनुसार विदेशी तेलों में मंदी का रुख जारी रहने एवं मांग कमजोर होने से एक माह के दौरान सरसों तेल के भाव 700 रुपए घटकर 9300-9500 रुपए प्रति कुंतल रह गए। सरसों तेल टीनों में 100 रुपए घटकर 1650/1900 रुपए पर आ गया।
आपूर्ति बढ़ने से उक्त अवधि के दौरान दादरी मंडी में इसके भाव 700 रुपए घटकर 9100 रुपए प्रति कुंटल रह गए। बिहार, बंगाल की मांग कमजोर होने से राजस्थान की मंडियों में सरसों तेल कच्ची घानी के भाव 700 रुपए घटकर 9500 रूपए प्रति कुंतल रह गए। उक्त अवधि के दौरान विदेशी तेलों में आयातको की बिकवाली का दबाव बढ़ने से सोयाबीन व सनफ्लावर ऑयल की कीमत लुढ़क गई। फलस्वरूप सरसों तेल में मंदे को बल मिला।
सरसों का उत्पादन मुख्यत-
राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, बिहार, बंगाल इत्यादि राज्यों में होता हैं। मार्च माह में सम्पन्न हुए रबी सेमिनार में सरसों का उत्पादन 113 लाख टन के लगभग अनुमान व्यक्त किया गया है । जबकि सरकारी अनुमान 128 लाख टन से अधिक होने का व्यक्त किया गया है।
देश के विभिन्न मंडियों में सरसों के भाव लूज में 4500/4600 रुपए प्रति कुंतल बिक रहे हैं। जो कि समर्थन मूल्य से काफी नीचे है। उल्लेखनीय है कि सरसों का समर्थन मूल्य 5425 रूपये है। वर्तमान में सप्लाई व मांग को देखते हुए आने वाले समय में सरसों तेल की कीमतों में और ज्यादा घटने की उम्मीद नहीं है। बाजार ठहरकर पुन: बढ़ सकता है। नोट : व्यापार अपने विवेक से करें