महाराष्ट्र में इस सीजन में दालों के बढ़े हुए उत्पादन से कीमतों में गिरावट आई है, जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिली है। तुअर, चना और उड़द दाल के दाम में कमी दर्ज की गई है, क्योंकि कर्नाटक, महाराष्ट्र और गुजरात में अच्छी पैदावार से आपूर्ति बढ़ी है। व्यापारियों का मानना है कि आवक और बढ़ने से कीमतें और गिर सकती हैं। महाराष्ट्र के विपणन मंत्री जयकुमार रावल ने उम्मीद जताई कि सामूहिक प्रयास से भारत जल्द ही दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर बन सकता है।
इस सीजन में उत्पादन बढ़ने के कारण पिछले दो महीनों में दालों की कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की गई है, जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिली है। तुअर दाल की कीमतों में ₹50 से ₹60 प्रति किलोग्राम की गिरावट आई है, वहीं चना दाल ₹15 से ₹20 और उड़द दाल ₹5 से ₹7 प्रति किलोग्राम सस्ती हुई है।
कर्नाटक में तुअर दाल की कटाई शुरू हो गई है, जिससे थोक बाजारों में भारी आवक देखी जा रही है। कर्नाटक, महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, विदर्भ और गुजरात में तुअर की अधिक बुआई होने से आपूर्ति में बढ़ोतरी हुई है, जिससे कीमतों में गिरावट आई है।
नवंबर 2024 बनाम फरवरी 2025 की कीमतें:
तुअर दाल: ₹165–₹180/किग्रा → ₹105–₹120/किग्रा
चना दाल: ₹88–₹94/किग्रा → ₹75–₹80/किग्रा
उड़द दाल: ₹115–₹120/किग्रा → ₹100–₹110/किग्रा
आगे और गिरावट संभव
बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, थोक मंडियों में रोजाना 80 से 100 टन तुअर दाल की आवक हो रही है, और इस सीजन में कुल उत्पादन 44 लाख टन तक पहुंचने की संभावना है। यदि आपूर्ति और बढ़ती है, तो कीमतों में और गिरावट आ सकती है।
महाराष्ट्र वर्तमान में दाल उत्पादन में अग्रणी राज्य बना हुआ है। विपणन मंत्री जयकुमार रावल ने नई दिल्ली में ‘इंडियन पल्सेस कॉन्क्लेव’ में कहा कि भारत जल्द ही दालों में आत्मनिर्भर बन सकता है। उन्होंने सरकार, किसानों, शोधकर्ताओं और उद्योग विशेषज्ञों के सामूहिक प्रयासों से अनुसंधान और बुनियादी ढांचे के विकास के माध्यम से उत्पादन क्षमता बढ़ाने पर जोर दिया।