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राजस्थान सरकार का बड़ा ऐलान: गेहूं खरीद पर 150 रुपये प्रति क्विंटल बोनस, MSP 2,575 रुपये
राजस्थान सरकार ने गेहूं उत्पादक किसानों के लिए समर्थन मूल्य पर खरीद को लेकर महत्वपूर्ण घोषणा की है। राज्य सरकार ने बोनस राशि को बढ़ाकर 150 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है, जिससे गेहूं का कुल न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) अब 2,575 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। यह निर्णय 2025-26 के बजट में...... पूरी खबर पढ़ने के लिए Amotrade डाउनलोड करें
Government
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07 Mar
राजस्थान सरकार ने गेहूं उत्पादक किसानों के लिए समर्थन मूल्य पर खरीद को लेकर महत्वपूर्ण घोषणा की है। राज्य सरकार ने बोनस राशि को बढ़ाकर 150 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है, जिससे गेहूं का कुल न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) अब 2,575 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। यह निर्णय 2025-26 के बजट में राजस्थान कृषक समर्थन योजना के तहत लिया गया है।
व्यापारियों और किसानों के लिए अहम जानकारी
खरीद अवधि: न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद 10 मार्च से 30 जून 2025 तक की जाएगी।
रजिस्ट्रेशन अनिवार्य: किसानों को गेहूं बेचने के लिए http://mspproc.rajasthan.gov.in पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। यह प्रक्रिया 20 जनवरी 2024 से चालू है। रजिस्ट्रेशन ई-मित्र, अटल सेवा केंद्र और अन्य माध्यमों से भी किया जा सकता है।
जरूरी दस्तावेज: ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए जनाधार कार्ड आवश्यक होगा। किसान जिस बैंक खाते में भुगतान प्राप्त करना चाहते हैं, उसे जनाधार से लिंक करना अनिवार्य है। गिरदावरी भू-प्रबंधन विभाग के रिकॉर्ड से स्वतः पोर्टल पर फेच की जाएगी।
बाजार और व्यापार पर प्रभाव
इस फैसले से न केवल किसानों को लाभ होगा, बल्कि व्यापारियों के लिए भी अवसर बढ़ेंगे। सरकारी खरीद बढ़ने से गेहूं की उपलब्धता पर असर पड़ सकता है, जिससे खुले बाजार में कीमतों में स्थिरता या वृद्धि देखने को मिल सकती है। मंडियों में सरकारी खरीद की तुलना में निजी व्यापारियों को प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ सकता है।
संपर्क और सहायता
यदि किसानों को सरकारी खरीद केंद्रों पर किसी भी प्रकार की परेशानी हो रही हो, तो वे हेल्पलाइन नंबर 18001806030 पर संपर्क कर सकते हैं। पंचायत स्तर पर भी रजिस्ट्रेशन कैंप और प्रचार-प्रसार कार्यक्रमों के माध्यम से जागरूकता बढ़ाई जा रही है।
व्यापारिक दृष्टिकोण
इस योजना से गेहूं की सरकारी खरीद में वृद्धि होगी, जिससे बाजार में भाव प्रभावित हो सकते हैं। व्यापारियों को सरकारी खरीद नीति और निजी व्यापार की संभावनाओं पर नजर बनाए रखनी होगी। साथ ही, किसानों को समय पर रजिस्ट्रेशन कराकर इस योजना का लाभ उठाना चाहिए।