तूर और उड़द की खुदरा कीमतों में गिरावट या स्थिरता: केंद्र

पिछले तीन महीनों में तूर और उड़द की खुदरा कीमतें स्थिर रही हैं या उनमें गिरावट दर्ज की गई है। सरकार ने 'भारत दाल' ब्रांड के तहत सस्ती दालें उपलब्ध कराकर, बफर स्टॉक का उपयोग करके, और रियायती आयात नीतियों के जरिए दालों की उपलब्धता और कीमतों को नियंत्रित किया है।

Government 27 Nov  PIB
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पीएम-आशा योजना के तहत मूल्य समर्थन योजना (PSS) और मूल्य स्थिरीकरण कोष (PSF) के अंतर्गत 10.66 लाख किसानों ने तूर और उड़द की गारंटीशुदा खरीद के लिए पंजीकरण किया है।

पिछले तीन महीनों में तूर और उड़द की खुदरा कीमतें स्थिर रही हैं या उनमें गिरावट आई है। उपभोक्ता मामलों का विभाग मंडी और खुदरा कीमतों को नियंत्रित करने के लिए नियमित रूप से रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (RAI) और संगठित रिटेल चेन के साथ बैठकें करता है ताकि रिटेल मार्जिन को उचित स्तर पर रखा जा सके।

सरकार ने खुदरा बाजार में सीधे हस्तक्षेप के तहत 'भारत दाल' ब्रांड के अंतर्गत बफर स्टॉक से दालों को उपभोक्ताओं के लिए सस्ती कीमत पर उपलब्ध कराया है। इसी तरह, आटा और चावल को भी 'भारत' ब्रांड के तहत सब्सिडी दरों पर बेचा जा रहा है। प्याज को उच्च खपत वाले केंद्रों पर थोक बाजार और मोबाइल वैन के माध्यम से 35 रुपये प्रति किलो की दर पर उपलब्ध कराया जा रहा है। इन उपायों ने दाल, चावल, आटा और प्याज जैसी आवश्यक खाद्य वस्तुओं को उपभोक्ताओं के लिए सुलभ और किफायती बनाया है।

तूर और उड़द के आयात को 31 मार्च 2025 तक 'फ्री कैटेगरी' में रखा गया है। मसूर पर आयात शुल्क को भी 31 मार्च 2025 तक शून्य कर दिया गया है, साथ ही देसी चने के आयात पर भी कोई शुल्क नहीं लगाया गया है। इस नीति ने देश में तूर और उड़द की स्थिर आपूर्ति बनाए रखने में मदद की है।

खरीफ फसलों की स्थिति अच्छी है। मूंग और उड़द की कटाई पूरी हो चुकी है, जबकि तूर की कटाई अभी शुरू हुई है। मौसम भी फसल के लिए अनुकूल रहा है, जिससे आपूर्ति श्रृंखला बेहतर बनी हुई है और दालों की कीमतों में स्थिरता की उम्मीद है।

यह जानकारी उपभोक्ता मामलों, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के राज्य मंत्री श्री बी.एल. वर्मा ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।