रूस सरकार 1 जनवरी 2025 से मटर, चना और मसूर के निर्यात पर 5% स्थायी शुल्क लगाएगी, जो EAEU के बाहर लागू होगा, जबकि 2024 तक 4-7% लचीला शुल्क रहेगा। 2023-24 में मटर का निर्यात रिकॉर्ड 3.2 मिलियन टन तक पहुंचा, लेकिन 2024-25 में उत्पादन में कमी के कारण यह घटकर 1.7 मिलियन टन रहने का अनुमान है। चना और मसूर के निर्यात में 2023 में क्रमशः 2.1 और 2.4 गुना वृद्धि हुई, लेकिन चीन को कम निर्यात से कुल निर्यात प्रभावित हुआ है।
रूस सरकार 1 जनवरी 2025 से मटर, चना और मसूर जैसी प्रमुख दलहनी फसलों के निर्यात पर 5% शुल्क लगाएगी। यह शुल्क यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन (EAEU) के बाहर के निर्यात पर लागू होगा और स्थायी रूप से लागू रहेगा। सरकार के अनुसार, इस कदम का उद्देश्य दलहनी फसलों के निर्यात और घरेलू खपत के बीच संतुलन बनाए रखना है।
2024 के अंत तक इन फसलों पर 4% से 7% तक लचीला निर्यात शुल्क लगाया जाएगा, जो रूबल की विनिमय दर पर निर्भर करेगा।
हाल के वर्षों में रूस ने दलहनी फसलों, विशेषकर मटर, के निर्यात में वृद्धि की है। 2023-2024 कृषि वर्ष (जुलाई-जून) में मटर का निर्यात लगभग 3.2 मिलियन टन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। यह पिछले साल की अच्छी फसल (4.7 मिलियन टन) के कारण हुआ।
हालांकि, 2024-2025 कृषि वर्ष में उत्पादन में भारी गिरावट के कारण निर्यात 1.7 मिलियन टन रहने का अनुमान है। इस सीजन की पहली छमाही (जुलाई-दिसंबर) में निर्यात 0.7 मिलियन टन से अधिक नहीं हुआ, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 1.8 मिलियन टन था। चीन को कम निर्यात इसका प्रमुख कारण रहा। पिछले सीजन की पहली छमाही में चीन को 8.27 लाख टन मटर निर्यात किया गया था, जबकि इस बार यह केवल 1.2 लाख टन ही रहा।
2023 में रूस ने 5.4 लाख टन चना निर्यात किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 2.1 गुना अधिक था। इसी तरह, मसूर का निर्यात 2.4 गुना बढ़कर लगभग 3 लाख टन हो गया। 2024 में इन फसलों का कुल बुवाई क्षेत्र लगभग 15.7 लाख हेक्टेयर रहा, जो पिछले वर्ष के रिकॉर्ड की तुलना में 6.1 लाख हेक्टेयर अधिक था।
2023 में रूस ने 3.45 लाख टन मसूर (2022 में 2.57 लाख टन) और 7.02 लाख टन चना (2022 में 4.67 लाख टन) की कटाई की। इस साल की फसल के नतीजे अभी प्रकाशित नहीं हुए हैं।