केंद्र सरकार ने किसानों के हित में महाराष्ट्र में सोयाबीन खरीद 24 फरवरी तक और तेलंगाना में 15 फरवरी तक बढ़ाने का निर्णय लिया है, जबकि गुजरात में मूंगफली खरीद छह दिन और कर्नाटक में 25 दिन बढ़ाकर 15 फरवरी तक कर दी गई है। 9 फरवरी तक 19.99 लाख टन सोयाबीन खरीदी गई है, जिससे 8,46,251 किसानों को लाभ हुआ है, वहीं 4,75,183 किसानों से 15.73 लाख टन मूंगफली खरीदी गई है। सरकार ने विभिन्न राज्यों में मूल्य समर्थन योजना के तहत निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सोयाबीन और मूंगफली की खरीद को मंजूरी दी है, जिससे किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सके।
केंद्र सरकार ने किसानों के हितों की रक्षा के लिए महाराष्ट्र में सोयाबीन खरीद 24 फरवरी तक और तेलंगाना में 15 फरवरी तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसी तरह, गुजरात में मूंगफली खरीद 6 दिन और कर्नाटक में 25 दिन बढ़ाकर 15 फरवरी तक कर दी गई है।
कृषि मंत्रालय के अनुसार, 9 फरवरी तक 19.99 लाख टन सोयाबीन की खरीद हो चुकी है, जिससे 8,46,251 किसानों को लाभ मिला है। वहीं, 4,75,183 किसानों से 15.73 लाख टन मूंगफली खरीदी गई है। सरकार ने छत्तीसगढ़, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और तेलंगाना में ₹4,892 प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर सोयाबीन खरीद की मंजूरी दी थी। इसी तरह, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में ₹6,783 प्रति क्विंटल के MSP पर मूंगफली खरीद की अनुमति दी गई है।
मूल्य समर्थन योजना (PSS) के तहत, दलहनों, तिलहनों और खोपरे की खरीद राज्य स्तरीय एजेंसियों के माध्यम से पूर्व-पंजीकृत किसानों से सीधे न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर की जाती है। इस योजना को नेफेड और एनसीसीएफ जैसी केंद्रीय नोडल एजेंसियां संचालित करती हैं।
यह निर्णय किसानों को अधिक समर्थन और बेहतर मूल्य दिलाने के लिए लिया गया है, जिससे उनका आय और उत्पादन दोनों को बढ़ावा मिलेगा।