इससे पहले भारत सरकार ने अगस्त, 2021 में राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन- ऑयल पाम (एनएमईओ-ओपी) की शुरुआत की थी। यह मिशन ताड़ की खेती को बढ़ाने और साल 2025-26 तक कच्चे पाम तेल के उत्पादन को 11.20 लाख टन तक बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। एनएमईओ-ओपी के तहत पाम ऑयल को बढ़ावा देने के लिए 11,040 रुपये के कुल राष्ट्रीय बजट में से विशेष रूप से उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के लिए 5,870 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इसमें केंद्र सरकार 90 फीसदी योगदान करेगी। खाद्य तेल में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने में उत्तर-पूर्वी क्षेत्र (एनईआर) की भूमिका महत्वपूर्ण है, क्योंकि छह एनईआर राज्यों- अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मिजोरम, नगालैंड और त्रिपुरा में पाम ऑयल का उत्पादन का होता है। इन राज्यों में पाम ऑयल उत्पादन के लिए 8.4 लाख हेक्टेयर का एक विशाल संभावित क्षेत्र है, जो राष्ट्रीय क्षमता का 38 फीसदी है। अब तक क्षेत्र में 30 लाख से अधिक रोपण सामग्री की क्षमता वाली 30 से अधिक नर्सरी स्थापित की जा चुकी हैं।