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केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कृषि वैज्ञानिकों से छोटे एवं सीमांत किसानों के हित में काम करने की अपील की
दलहन एवं तिलहन में भारत को आत्मनिर्भर बनाने पर ध्यान देने की जरूरत : श्री चौहान
श्री शिवराज सिंह चौहान ने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के राष्ट्रीय संगोष्ठी एवं पूर्व छात्र सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया ।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज पूसा, नई दिल्ली में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के पूर्व छात्र सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने वैज्ञानिक समुदाय से छोटे एवं सीमांत किसानों के हित में काम करने तथा भारतीय कृषि में क्रांति लाने की अपील की। श्री चौहान ने कहा कि यहां लगभग 86% किसान छोटे-सीमांत किसान हैं। हमें खेती का मॉडल ऐसा बनाना होगा कि किसान एक हेक्टेयर तक की खेती में भी अपनी आजीविका ठीक से कमा सकें।
केन्द्रीय मंत्री श्री चौहान ने कहा कि आइए हम सब मिलकर एक रोडमैप बनाएं, जिस पर चलकर न केवल भारतीय कृषि और किसानों का कल्याण हो सके, बल्कि हम भारत को दुनिया का अन्न भंडार बनाएं, दुनिया को भोजन दें और निर्यात करें। श्री चौहान ने दलहन और तिलहन में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, "हमारे किसानों की आय बढ़ाने और बदलते परिदृश्य के अनुरूप तकनीकी उन्नति को अपनाना नितांत आवश्यक है।" उन्होंने कहा, "हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारी कृषि नीति और अनुसंधान छोटे और सीमांत किसानों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएँ।