इस हफ्ते देशभर की मंडियों में अधिकतर जिंसों के भाव स्थिर बने रहे, लेकिन कुछ प्रमुख उत्पादों में सप्लाई की कमी और मांग में बढ़ोतरी के कारण तेजी के संकेत देखने को मिले हैं। मक्का, देसी चना, काबुली चना, हल्दी, जीरा और बादाम गिरी जैसे उत्पादों पर व्यापारियों और मिलर्स की खास नजर बनी हुई है।
मक्का में अच्छी क्वालिटी की कमी से बिहार और यूपी की मंडियों में भाव मजबूत हुए। सेमापुर में मक्का 2200–2250 रु/क्विंटल और यूपी की मंडियों में 2090–2100 रु तक पहुंच गया। बाजरा में भी नई फसल की दूरी और मौजूदा शॉर्टेज के चलते 2350 रु/क्विंटल के आसपास भाव स्थिर बने हुए हैं।
देसी चना में घरेलू उत्पादन कमजोर होने और ऑस्ट्रेलियाई चना महंगा होने से इंदौर की मिलें खरीद बढ़ा रही हैं। मांग बढ़ते ही भाव में तेजी की संभावना जताई जा रही है। वहीं, काबुली चना में भी चालानी मांग मजबूत बनी हुई है, जिससे महाराष्ट्र का मीडियम माल 67 से 72 रु/किलो और इंडियन-मेक्सिको किस्म 78 रु/किलो तक पहुंच गई है।
मसूर में भोपाल-बासौदा में कम आवक से भाव 6200–6300 रु/क्विंटल पर टिके हैं, जबकि कनाडा की मसूर दिल्ली में 6250 रु तक बोली जा रही है। उड़द और मूंग में हाल की गिरावट के बाद अब बाजार में स्थिरता देखने को मिल रही है।
मसालों की बात करें तो हल्दी में वायदा बाजार की बिकवाली से भले दबाव बना हो, लेकिन कम डिलीवरी और सप्लाई की स्थिति को देखते हुए जुलाई में फिर से तेजी के संकेत मिल रहे हैं। जीरा में सटोरियों की खरीद से हाजिर बाजार में 11–12 रु/किलो की अस्थायी तेजी देखी गई है, हालांकि स्टॉक ज्यादा होने के कारण इसमें सीमित ही तेजी की संभावना है। धनिया में दोपहर बाद पिसाई मांग लौटने से हल्की तेजी देखी गई और एवरेज माल में 2–3 रु तक सुधार की संभावना जताई जा रही है।
ड्रायफ्रूट्स में भी हलचल बनी हुई है। पोस्तदाना में चीन और तुर्की से आयात में कमी के चलते 400 रु/किलो के भाव टिके हुए हैं और इसमें आगे तेजी की उम्मीद है। बादाम गिरी में भारी कंटेनर लोडिंग के चलते भाव 790 से गिरकर 730 रु/किलो तक पहुंचे थे, लेकिन अब 735 रु पर रिकवरी दिख रही है और जुलाई में इसमें 50 रु तक की और तेजी संभव मानी जा रही है।
नोट: यह रिपोर्ट केवल व्यापार सूचना के उद्देश्य से जारी की गई है। किसी भी लेनदेन से पहले स्थानीय मंडियों या आपूर्तिकर्ताओं से भाव की पुष्टि अवश्य करें।