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भारतीय बाज़ार में इटली के सॉफ्ट व्हीट आटे की बढ़ती पकड़: गुणवत्ता और ट्रेसबिलिटी बन रहे हैं पसंद की वजह

भारत में खाद्य उत्पादों को लेकर उपभोक्ताओं की प्राथमिकताएं तेजी से बदल रही हैं और अब उपभोक्ता प्रीमियम गुणवत्ता, साफ-सुथरी प्रक्रिया और उत्पाद की पारदर्शिता को अधिक महत्व देने लगे हैं। इसी बदलाव की झलक 2024 के सॉफ्ट व्हीट आटे के आयात आंकड़ों में देखने को मिलती है, जहां यूरोपीय देशों, विशेष रूप से इटली से आयात में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ष 2024 में भारत ने कुल 2,271 टन सॉफ्ट व्हीट आटा आयात किया, जिसकी......

Business 04 Jul  Business Standard
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भारत में खाद्य उत्पादों को लेकर उपभोक्ताओं की प्राथमिकताएं तेजी से बदल रही हैं और अब उपभोक्ता प्रीमियम गुणवत्ता, साफ-सुथरी प्रक्रिया और उत्पाद की पारदर्शिता को अधिक महत्व देने लगे हैं। इसी बदलाव की झलक 2024 के सॉफ्ट व्हीट आटे के आयात आंकड़ों में देखने को मिलती है, जहां यूरोपीय देशों, विशेष रूप से इटली से आयात में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ष 2024 में भारत ने कुल 2,271 टन सॉफ्ट व्हीट आटा आयात किया, जिसकी कुल कीमत EUR 1.59 मिलियन रही। हालांकि यह आंकड़ा 2023 की तुलना में थोड़ा कम है, लेकिन इसमें सबसे खास बात यह रही कि यूरोपीय संघ (EU) की भागीदारी कुल आयात मूल्य में 22% तक पहुंच गई, जो 2023 में 13% और 2015 में केवल 1% थी।

इस पूरे आयात में इटली की भूमिका सबसे अहम रही। 2024 में इटली ने भारत को 378 टन सॉफ्ट व्हीट आटा निर्यात किया, जिसकी कुल कीमत EUR 348,000 रही, जो पिछले वर्ष के 238 टन और EUR 246,000 से कहीं अधिक है। भारत में सॉफ्ट व्हीट आटे के प्रमुख आपूर्तिकर्ता देशों में श्रीलंका (37.8%), संयुक्त अरब अमीरात (33.1%) और इटली (21.9%) शामिल रहे। हालांकि UAE की हिस्सेदारी अब भी बड़ी है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि उसकी बड़ी मात्रा में आपूर्ति पुनः ब्रांडेड यानी किसी तीसरे देश से आकर नए लेबल के साथ भारत में बेची जाती है। इसके विपरीत, इटली का आटा पूरी तरह से प्रमाणित स्रोत से आता है, और इसकी गुणवत्ता, पारदर्शिता और विश्वसनीयता भारतीय खाद्य उद्योग के लिए अत्यंत आकर्षक बनती जा रही है।

इस बदलाव के पीछे "Pure Flour from Europe" नामक अभियान की अहम भूमिका रही है, जिसे यूरोपीय संघ और ITALMOPA (इटालियन मिलिंग इंडस्ट्री एसोसिएशन) द्वारा सह-वित्त पोषित किया गया है। यह अभियान भारतीय बाजार, खासतौर पर शेफ, बेकर्स, इम्पोर्टर्स और प्रोसेसरों को यूरोपीय आटे की खूबियों से परिचित करा रहा है। यूरोपीय आटा अपनी सदियों पुरानी मिलिंग परंपरा, अत्याधुनिक तकनीक, स्वच्छ और सुरक्षित उत्पादन प्रक्रिया, व्यापक पाक उपयोगिता और ट्रेसबिलिटी के कारण एक खास स्थान बना रहा है। इसकी पाक विविधता ऐसी है कि यह भारतीय व्यंजनों से लेकर पेस्ट्री, ब्रेड, पास्ता और ग्लोबल डेज़र्ट्स तक में इस्तेमाल हो सकता है। यूरोपीय मिलें हर साल लगभग 4.7 करोड़ टन सॉफ्ट व्हीट और राई की प्रोसेसिंग करती हैं, जिससे यह उद्योग गुणवत्ता के साथ-साथ स्केलेबिलिटी के लिहाज से भी मजबूत है।

2024 की शुरुआत में एक बड़ा बदलाव यह देखने को मिला कि इटली ने UAE को पछाड़ते हुए भारत में प्रत्यक्ष आटा निर्यात में बढ़त हासिल कर ली। भारतीय फूड प्रोसेसिंग सेक्टर अब ऐसे उत्पादों को प्राथमिकता देने लगा है जिनकी गुणवत्ता स्थायी हो, स्रोत प्रमाणित हो और जो ब्रांड पारदर्शिता बनाए रखते हों। इस कारण इटली से आयात होने वाला सॉफ्ट व्हीट आटा तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।

इस सकारात्मक प्रतिक्रिया को देखते हुए "Pure Flour from Europe" अभियान अब भारत में फिर से सक्रिय होने जा रहा है। 2025 में इस अभियान की पुनः शुरुआत SIAL India 2025 में भागीदारी के साथ की जाएगी, जो 11 से 13 दिसंबर तक नई दिल्ली स्थित इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर (IICC), यशोभूमि में आयोजित होगा। इस आयोजन में यूरोपीय आटे की गुणवत्ता और विविधता को प्रदर्शित किया जाएगा और देशभर के शेफ, बेकर्स, व्यापारियों और खाद्य पेशेवरों से सीधा संवाद स्थापित किया जाएगा।

कुल मिलाकर, भारत का खाद्य बाजार अब तेजी से प्रीमियम, स्वास्थ्य-उन्मुख और स्रोत-सुरक्षित सामग्रियों की ओर अग्रसर हो रहा है। इटली का सॉफ्ट व्हीट आटा, अपनी गुणवत्ता, परंपरा और विश्वसनीयता के चलते, इस मांग को पूरा करने में पूरी तरह सक्षम है।

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