कृषि व्यापार में चना बना आकर्षण: MSP और नई खरीद सीमा पर नजर
इस वर्ष भारत सरकार ने चने का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) ₹5,320 प्रति क्विंटल तय किया है। देश के विभिन्न राज्यों में चने सहित अन्य रबी फसलों की खरीद MSP पर जारी है। यह खरीद केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य और राज्य सरकारों के नियमों के अनुसार की जाती है।
Business • 07 Dec • E Mandi Bhav
चना भारत की महत्वपूर्ण रबी फसलों में से एक है, जिसका उत्पादन प्रमुख रूप से महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान, और आंध्र प्रदेश में होता है। चने का उत्पत्ति क्षेत्र दक्षिणी-पूर्वी यूरोप और दक्षिणी-पश्चिमी एशिया माना जाता है।
चना अपनी पौष्टिकता के लिए जाना जाता है। यह प्रोटीन, फाइबर, फोलिक एसिड, आयरन और अन्य आवश्यक पोषक तत्वों का समृद्ध स्रोत है, जो शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।
चना का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और सरकारी खरीद:
इस वर्ष भारत सरकार ने चने का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) ₹5,320 प्रति क्विंटल तय किया है। देश के विभिन्न राज्यों में चने सहित अन्य रबी फसलों की खरीद MSP पर जारी है। यह खरीद केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य और राज्य सरकारों के नियमों के अनुसार की जाती है।
सरकारी एजेंसियां: राज्यों में फसलों की खरीद केंद्र की एजेंसियों के माध्यम से की जाती है।
खरीद सीमा: किसान एक दिन में एक निश्चित मात्रा में फसल बिक्री कर सकते हैं, जो राज्य के नियमों पर निर्भर करती है।
मध्य प्रदेश में चना खरीद सीमा में बड़ा बदलाव:
मध्य प्रदेश में किसानों की सुविधा और मांग को ध्यान में रखते हुए, चने की बिक्री सीमा को 25 क्विंटल से बढ़ाकर 40 क्विंटल कर दिया गया है।
पहले, किसान अपनी ट्रॉली में 35 क्विंटल चना लेकर केंद्र पर आते थे, लेकिन 25 क्विंटल की सीमा के कारण 10 क्विंटल वापस ले जाना पड़ता था।
अब, 40 क्विंटल तक चने की बिक्री एक दिन में MSP पर की जा सकती है।
किसानों और व्यापारियों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी:
सरकारी खरीद के लिए निर्धारित लक्ष्य से अधिक भी खरीद हो सकती है।
MSP पर फसल बेचने के लिए किसानों को केंद्रों पर समय से पहुंचना चाहिए।
केंद्र सरकार द्वारा राज्यवार लक्ष्य जारी किए जाते हैं, जिससे खरीदी प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहती है।
व्यापार में उपयोगिता:
चना उत्पादन और MSP की यह जानकारी व्यापारियों, किसानों, और निवेशकों के लिए फायदेमंद है। चने की मांग, मूल्य, और सरकारी योजनाओं के आधार पर अपने व्यापारिक निर्णय लें।