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FY25 के पहले सात महीनों में ऑयलमील निर्यात 7% घटा
वित्तीय वर्ष 2024-25 के पहले सात महीनों (अप्रैल-अक्टूबर) में भारत का ऑइलमील निर्यात 7% घटकर 23.88 लाख टन रह गया, जो पिछले वर्ष इसी अवधि में 25.66 लाख टन था। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) के अनुसार, यह कमी मुख्य रूप से रेपसीड और कैस्टर सीड मील के निर्यात में गिरावट के कारण हुई।
वित्तीय वर्ष 2024-25 के पहले सात महीनों (अप्रैल-अक्टूबर) में भारत का ऑइलमील निर्यात 7% घटकर 23.88 लाख टन रह गया, जो पिछले वर्ष इसी अवधि में 25.66 लाख टन था। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) के अनुसार, यह कमी मुख्य रूप से रेपसीड और कैस्टर सीड मील के निर्यात में गिरावट के कारण हुई।
मुख्य तथ्य
रेपसीड मील: 25% की गिरावट, निर्यात 11.76 लाख टन (पिछले साल: 15.13 लाख टन)। SEA के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय बाजार में उच्च कीमतें इसका प्रमुख कारण हैं।
सोयाबीन मील: निर्यात में 52% वृद्धि, 10.24 लाख टन (पिछले साल: 6.74 लाख टन)। UAE, ईरान और फ्रांस से मांग बढ़ी।
वैश्विक दबाव: सोयाबीन मील के उत्पादन में 280 लाख टन की वृद्धि (4220 लाख टन), जिससे सभी ऑइलमील की कीमतों पर दबाव।
मुख्य आयातक देश
दक्षिण कोरिया: 4.33 लाख टन (पिछले साल: 5.22 लाख टन)।
वियतनाम: 1.53 लाख टन (पिछले साल: 3.10 लाख टन)।
थाईलैंड: 2.55 लाख टन (पिछले साल: 4.41 लाख टन)।
बांग्लादेश: 4.28 लाख टन (पिछले साल: 5.06 लाख टन)।
नोट: रेपसीड मील निर्यात में गिरावट किसानों के लिए चिंता का विषय, जबकि सोयाबीन मील निर्यात में वृद्धि ने संतुलन बनाया है।