दलहन उद्योग 'राजनीतिक विवादों से दूर' रहने के लिए काम कर रहा है

कनाडा का दलहन उद्योग चीन और भारत के साथ व्यापारिक संबंध मजबूत बनाए रखने पर काम कर रहा है, जहां चीन में रूस से सस्ती मटर की प्रतिस्पर्धा और भारत में टैरिफ नीतियों से चुनौतियां हैं। 2024 में भारत कनाडाई मटर और मसूर दाल का सबसे बड़ा खरीदार बनकर उभरा, जबकि चीन में बाजार बनाए रखने के लिए तकनीकी सहयोग और व्यापारिक मिशन जारी हैं। साथ ही, उद्योग गैर-परंपरागत बाजारों जैसे पेट फूड और पशु चारे में भी नए अवसर तलाश रहा है। 2025 में भारत के टैरिफ फैसलों और श्रम-परिवहन समाधानों पर उद्योग की रणनीति निर्भर करेगी।

International 24 Jan  The Western Producer
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कनाडा का उद्योग चीन और भारत के बढ़ते तनाव के बीच व्यापार बनाए रखने की रणनीति पर काम कर रहा है

रेजाइना — कनाडा का दलहन उद्योग चीन में मटर के निर्यात को बनाए रखने और भारत में व्यापारिक अवसरों को बढ़ाने पर विशेष ध्यान दे रहा है। यह जानकारी सस्कैचवान पल्स ग्रोअर्स की वार्षिक बैठक में व्यापारियों और किसानों को दी गई।

चीन: प्रतिस्पर्धा और संभावनाएं
चीन कनाडाई मटर का एक महत्वपूर्ण बाजार है, लेकिन रूस से बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण यह बाजार चुनौतियों का सामना कर रहा है। 2023 में रूस को चीनी बाजार में पहुंच मिली, और उनकी सस्ती कीमतों के कारण उन्होंने बड़े पैमाने पर बाजार में प्रवेश किया।

पल्स कनाडा के उपाध्यक्ष (संचार) जेफ इंग्लिश ने बताया कि गुणवत्ता के मामले में कनाडाई मटर बेहतर हैं, लेकिन रूस कीमतों के मामले में बड़ी चुनौती बन रहा है।

कनाडा-चीन के बीच राजनीतिक संबंध कमजोर हैं, और यह व्यापारिक रणनीति पर प्रभाव डाल सकता है। हालांकि, पल्स कनाडा ने इस चुनौती से निपटने के लिए नई रणनीति अपनाई है, जिसमें चीन में व्यापारिक मिशन और स्थानीय कंपनियों के साथ तकनीकी सहयोग शामिल है।

भारत: दलहन व्यापार में नई संभावनाएं
2024 में भारत ने घरेलू खाद्य आपूर्ति के लिए कनाडा से मटर और मसूर दाल की भारी मात्रा में आयात किया। दिसंबर 2023 में भारत ने मटर आयात पर छूट समाप्त कर दी, जिससे बाजार में अनिश्चितता बढ़ी।

कनाडाई किसानों ने तेजी से इस मांग को पूरा किया और नवंबर 2024 तक भारत को 1.5 मिलियन टन मटर निर्यात किया गया, जिसकी कुल कीमत $800 मिलियन थी।

मसूर दाल के मामले में, भारत कनाडा का सबसे बड़ा बाजार बन गया है। भारत ने मसूर पर टैरिफ छूट मार्च 2025 तक और मटर पर फरवरी 2025 तक बढ़ा दी है। इन फैसलों का 2025 की कीमतों और व्यापारिक प्रवाह पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा।

व्यापारिक रणनीति और नए अवसर
पल्स कनाडा ने यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं कि दलहन व्यापार राजनीतिक विवादों से प्रभावित न हो। इसके तहत चीन और भारत में व्यापारिक प्रतिनिधिमंडलों का आयोजन किया गया है।

इसके अलावा, उद्योग अब गैर-परंपरागत बाजारों जैसे पेट फूड और पशु चारे के क्षेत्रों में भी संभावनाएं तलाश रहा है। अमेरिकी कंपनियां कनाडाई दलहन फसलों को अपने उत्पादों में शामिल करने में रुचि दिखा रही हैं।

दक्षिण-पूर्व एशिया में झींगा और मछली पालन, और अमेरिका व कनाडा में सुअर चारे के लिए फीड ट्रायल्स किए जा रहे हैं। यह कदम न केवल व्यापार बढ़ाने में मदद करेंगे, बल्कि कार्बन फुटप्रिंट को भी कम करेंगे।

भविष्य की योजनाएं
2025 की पहली तिमाही में भारत मटर और मसूर दाल पर महत्वपूर्ण निर्णय लेगा, जो व्यापार और कीमतों को प्रभावित करेगा।

साथ ही, पल्स कनाडा श्रम और परिवहन बाधाओं को दूर करने के लिए दीर्घकालिक समाधान विकसित करने पर भी काम कर रहा है।

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