केंद्रीय मंत्रिमंडल गुरुवार को इथेनॉल की कीमतों में वृद्धि के प्रस्ताव पर मुहर लगा सकता है, जिससे तेल विपणन कंपनियों (OMC) को इथेनॉल मिश्रण बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। सरकार का लक्ष्य ESY 2025-26 तक 20% इथेनॉल मिश्रण प्राप्त करना है, जिसके लिए 1,016 करोड़ लीटर इथेनॉल की आवश्यकता होगी। वर्तमान में, ESY 2024-25 में इथेनॉल मिश्रण 16.23% तक पहुंच चुका है, और वर्ष के अंत तक 18% तक बढ़ने का अनुमान है। प्रस्तावित बढ़ोतरी बी-हैवी और सी-हैवी गुड़ से उत्पादित इथेनॉल की कीमतों को प्रभावित करेगी, जो भारत की ऊर्जा आत्मनिर्भरता और आयातित ईंधन पर निर्भरता कम करने की रणनीति का हिस्सा है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल गुरुवार को होने वाली बैठक में इथेनॉल की कीमतों में वृद्धि के प्रस्ताव को मंजूरी दे सकता है। इस कदम का उद्देश्य तेल विपणन कंपनियों (OMC) को प्रोत्साहन देना है, ताकि इथेनॉल मिश्रण को बढ़ावा देकर भारत के ऊर्जा आत्मनिर्भरता लक्ष्य को हासिल किया जा सके।
इथेनॉल के लिए मूल्य वृद्धि प्रस्ताव
प्रस्तावित बढ़ोतरी बी-हैवी गुड़ और गन्ने के रस से उत्पादित इथेनॉल की कीमतों को प्रभावित करेगी। साथ ही, सी-हैवी गुड़ से उत्पादित इथेनॉल के लिए प्रोत्साहन को नियमित किए जाने की संभावना है। 2023-24 के सीज़न में, OMC ने सी-हैवी गुड़ से उत्पादित इथेनॉल के लिए ₹6.87 प्रति लीटर का प्रोत्साहन तय किया था। इन प्रोत्साहनों को आगामी इथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ESY) 2024-25 के लिए औपचारिक रूप दिया जा सकता है।
इथेनॉल मिश्रण में प्रगति
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय (MoPNG) के अनुसार, भारत ने इथेनॉल मिश्रण में उल्लेखनीय प्रगति की है:
- ESY 2013-14: 38 करोड़ लीटर इथेनॉल आपूर्ति के साथ मिश्रण दर 1.53% थी।
- ESY 2023-24: 707.40 करोड़ लीटर इथेनॉल आपूर्ति के साथ औसत मिश्रण दर 14.6% हो गई।
- ESY 2024-25: अब तक इथेनॉल मिश्रण 16.23% तक पहुंच गया है, और वर्ष के अंत तक 18% तक पहुंचने का अनुमान है।
सरकार का लक्ष्य ESY 2025-26 तक 20% इथेनॉल मिश्रण हासिल करना है, जिसके लिए 1,016 करोड़ लीटर इथेनॉल की आवश्यकता होगी। अन्य उद्योगों की मांग को मिलाकर, कुल आवश्यकता 1,350 करोड़ लीटर तक पहुंचने का अनुमान है।
आवंटन और लक्ष्य
ESY 2024-25 के लिए अब तक 930 करोड़ लीटर इथेनॉल का आवंटन हो चुका है। सरकार का इथेनॉल मिश्रण पर जोर न केवल आयातित ईंधन पर निर्भरता कम करने बल्कि पर्यावरणीय लाभ और घरेलू गन्ना उद्योग को समर्थन प्रदान करने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है।
यह फैसला भारत के इथेनॉल मिश्रण कार्यक्रम (EBP) को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।