We are verifying your details, kindly Wait or Contact Us.
The feature is under Development
We are currently working on this feature, kindly wait or contact us.
ब्राजील से उरद आयात में वृद्धि; उत्तर-पूर्व में प्याज की आपूर्ति में सुधार
ब्राजील से उरद का आयात 2023 के 4,102 मीट्रिक टन से बढ़कर 2024 में अक्टूबर तक 22,000 मीट्रिक टन हो गया है, जिससे ब्राजील भारत का प्रमुख दाल आपूर्तिकर्ता बन सकता है। साथ ही, 5 नवम्बर 2024 को 840 मीट्रिक टन प्याज की खेप गुवाहाटी पहुंची, जो उत्तर-पूर्वी राज्यों में वितरित की जा रही है। इसके अलावा, नासिक से प्याज का थोक परिवहन रेल रेक द्वारा दिल्ली, चेन्नई और गुवाहाटी तक किया गया है। सरकार ने प्याज की कीमतों को स्थिर करने के लिए 4.7 लाख टन रबी प्याज की खरीदी की है, जिससे उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर प्याज मिल सके।
ब्राजील से उरद आयात: ब्राजील से उरद आयात 2023 में 4,102 मीट्रिक टन से बढ़कर अक्टूबर 2024 तक 22,000 मीट्रिक टन से अधिक हो गया है। ब्राजील पिछले कुछ वर्षों में उरद और तूअर दालों का प्रमुख आपूर्तिकर्ता बनकर उभरा है और भारत के दाल आयात में एक महत्वपूर्ण स्रोत बन सकता है।
उत्तर-पूर्व के लिए प्याज की खेप: 5 नवम्बर 2024 को 840 मीट्रिक टन प्याज की खेप रेल रेक द्वारा गुवाहाटी स्थित चांगसारी स्टेशन पहुंची, जो अब असम, मेघालय, त्रिपुरा और अन्य उत्तर-पूर्वी राज्यों में वितरण के लिए भेजी जा रही है। इससे इन क्षेत्रों में प्याज की उपलब्धता बढ़ेगी और उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर प्याज मिल सकेगा।
प्याज का थोक परिवहन: इस वर्ष पहली बार, नासिक से दिल्ली, चेन्नई और गुवाहाटी जैसे प्रमुख शहरों के लिए प्याज का थोक परिवहन रेल रेक के माध्यम से किया गया है।
18 अक्टूबर 2024 को 1,600 मीट्रिक टन प्याज दिल्ली भेजी गई। 23 अक्टूबर को 840 मीट्रिक टन प्याज चेन्नई और 30 अक्टूबर को 840 मीट्रिक टन प्याज दिल्ली भेजी गई। 30 अक्टूबर को गुवाहाटी के लिए भी 840 मीट्रिक टन प्याज की खेप भेजी गई। प्याज की कीमतों पर सरकार की पहल: प्याज की कीमतों को स्थिर करने के लिए सरकार ने इस वर्ष 4.7 लाख टन रबी प्याज की खरीदी की थी। 5 सितंबर 2024 से अब तक 1.5 लाख टन से अधिक प्याज को खुदरा और थोक बिक्री के जरिए उपभोक्ताओं तक पहुंचाया गया है। इसका उद्देश्य प्रमुख मंडियों में प्याज की कीमतों को नियंत्रित करना है। इन कदमों से देशभर में आवश्यक दालों और सब्जियों की उपलब्धता बढ़ाने और उपभोक्ताओं को राहत देने का प्रयास किया जा रहा है।