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गेहूं वायदा ₹448 प्रति क्विंटल तक गिरा, वैश्विक आपूर्ति और बेहतर फसल स्थिति का दबाव
गेहूं वायदा कीमतें ₹448 प्रति क्विंटल तक गिर गई हैं, जिसका मुख्य कारण रूस की अधिक निर्यात आपूर्ति और अमेरिका में बेहतर फसल स्थिति है। फ्रांस में बुआई तेजी से बढ़ी है, जबकि वैश्विक उत्पादन अनुमान में 2 मिलियन टन की कटौती हुई है। यूक्रेन-रूस तनाव से काला सागर निर्यात में व्यवधान की आशंका बाजार को सतर्क बनाए हुए है।
गेहूं वायदा कीमतें ₹448 प्रति क्विंटल (लगभग $5.4 प्रति बुशेल) तक गिर गईं। यह गिरावट रूस की भरपूर निर्यात आपूर्ति और अमेरिका में फसल की बेहतर स्थिति के कारण हुई। अमेरिकी प्लेन्स क्षेत्र में भारी बारिश से शीतकालीन गेहूं की फसल की स्थिति में सुधार हुआ है, जहां 18 नवंबर तक 49% फसल को अच्छा या उत्कृष्ट रेटिंग दी गई, जो पिछले सप्ताह के 44% से अधिक है।
वहीं, फ्रांस में किसानों ने बुआई तेज कर दी है। FranceAgriMer के अनुसार, नवंबर मध्य तक 90% फसल की बुआई पूरी हो चुकी थी, जो 87% के पांच साल के औसत से अधिक है।
इसके बावजूद, अंतरराष्ट्रीय अनाज परिषद (IGC) ने 2024/25 के लिए वैश्विक गेहूं उत्पादन पूर्वानुमान को 2 मिलियन मीट्रिक टन घटाकर 796 मिलियन टन कर दिया है। इसका कारण यूरोपीय संघ के उत्पादन में कमी बताया गया है।
इसके अलावा, यूक्रेन-रूस तनाव बढ़ने से काला सागर से होने वाले निर्यात में संभावित व्यवधान की आशंका ने बाजार को सतर्क बनाए रखा है।