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गेहूं बाजरा और मक्का में बन रहे है तेजी के आसार
गेहूं उत्पादन में गिरावट के चलते हाज़िर मंडियों में आवक बहुत कम रह गई है। सरकार हर संभव प्रयास कर रही है कि गेहूं आटा आदि में महंगाई को काबू किया जाए और इसी कड़ी में एफसीआई ने खुले बाजार में बिक्री करने की प्रक्रिया शुरु कर दी है।
गेहूं पहली ई नीलामी 28 जून को होने वाली है। इस बीच गेंहू पर स्टाक लिमिट लागू होने के बाद व्यापारी मुनाफा वसूली भी कर रहे हैं।
व्यापारियों को इस बात का भी डर लग रहा है कि कहीं सरकार गेहूं का आयात ना खोल दे । इसलिए दिल्ली लारैंस रोड़ भाव बीते सप्ताह 2450-55 रह गया। चूंकि पाइप लाइन पूरी तरह खाली है और मांग निरंतर बनी हुई है जिससे बाजार कुछ दिन बाद 2500 का भाव पार कर सकता है। माना जा रहा है कि 2600-2650 के भाव तक आयात नहीं खुलेगा।
मक्का का उत्पादन 68 लाख टन से अधिक है। वैश्विक उत्पादन भी बढ़ने की उम्मीद है। आवक दबाव अभी कम नहीं हुआ और स्टार्च कंपनियों के अतिरिक्त कोई अन्य मांग नहीं है। स्टाकिस्ट सक्रियता जरुर है। इसलिए वर्तमान भाव में खरीददारी में नुक़सान नहीं लगता ।
बाजरा का कहीं बड़ा भंडार नहीं है लेकिन मक्का में गिरावट के कारण बाजरा की डिस्टलरी मांग के अलावा अन्य मांग नहीं है। सस्ते मक्का ने पशुपालन उद्योग की मांग को कमजोर किया है। चूंकि अब नई फसल आने वाली नहीं है इसलिए ज्यादा समय मंदा रहने वाला नहीं है।