नई दिल्ली: देसी चने की आवक में भारी गिरावट और ऑस्ट्रेलियाई चने के ऊंचे दामों के कारण बाजार में लगातार दूसरे दिन तेजी बनी हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि आगामी दिनों में भाव और बढ़ सकते हैं।
उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव
देशभर में देसी चने का उत्पादन प्रभावित हुआ है। असमय गर्मी पड़ने से फसल को नुकसान हुआ, जिससे कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में आपूर्ति 28-30% तक घट गई है। वहीं, महाराष्ट्र में भी आवक कमजोर बनी हुई है।
मध्य प्रदेश और राजस्थान की स्थिति
मध्य प्रदेश में इंदौर और ग्वालियर की बड़ी दाल मिलों की खरीदारी के चलते माल की आपूर्ति सीमित हो गई है। उत्पादक क्षेत्रों में छोटे दाने निकलने और प्रति हेक्टेयर उत्पादकता घटने से कुल उत्पादन पर असर पड़ा है। राजस्थान में बीकानेर लाइन से चने की आवक शुरू हुई है, लेकिन मंडियों में आपूर्ति अब भी कम बनी हुई है।
मांग और कीमतों में बढ़ोतरी
दिल्ली और एनसीआर की दाल मिलें मध्य प्रदेश के ऊंचे भाव के कारण खरीदारी में हिचकिचा रही हैं। दूसरी ओर, ऑस्ट्रेलियाई चने के दाम बढ़ने से राजस्थानी चना भी 150-175 रुपये प्रति क्विंटल महंगा हो गया है।
बाजार विश्लेषकों के अनुसार, कम उत्पादन और आपूर्ति की बाधाओं के चलते चने की कीमतों में निकट भविष्य में और उछाल संभव है।