नई दिल्ली: गेहूं बाजार में इन दिनों अच्छी आवक के साथ ही साउथ के मदुरै और अन्य क्षेत्रों से रैक की मजबूत मांग बनी हुई है। इसके चलते भावों में मजबूती देखने को मिल रही है। बाजार से मिली जानकारी के अनुसार, रैक लोडिंग सौदे लगभग 2850-2900 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर हो रहे हैं। यह दर्शाता है कि बड़ी मंडियों में गेहूं की मांग बनी हुई है और व्यापारी सक्रिय रूप से खरीदारी कर रहे हैं।
राजस्थान में सरकारी खरीद आकर्षक:
राजस्थान में सरकारी खरीद के भाव 2575 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किए गए हैं। वहीं, मंडियों में एवरेज क्वालिटी के गेहूं को 2300-2400 रुपये प्रति क्विंटल के भाव मिल रहे हैं। चूंकि सरकारी खरीद का भाव मंडी दरों से अधिक है, इसलिए अधिकतर किसान सरकार को गेहूं बेचने में रुचि दिखा रहे हैं। इसका सीधा असर मंडियों में होने वाली ट्रेडिंग पर पड़ रहा है, क्योंकि वहां अपेक्षाकृत कम माल आ रहा है।
क्या होगी भविष्य की रणनीति?
रिपोर्ट के अनुसार, आने वाले दिनों में गेहूं की आवक में और बढ़ोतरी की संभावना है। साथ ही, किसानों का रुझान सरकार को गेहूं बेचने की ओर अधिक रहने की उम्मीद है। इस वजह से बाजार में कोई बड़ी तेजी देखने को नहीं मिलेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि डिमांड के अनुसार ही ट्रेडिंग करनी चाहिए और अधिक स्टॉक होल्ड करने से बचना चाहिए।
हालांकि, साउथ की मजबूत डिमांड और सरकारी खरीद के प्रभाव से बाजार में भावों में बड़ी गिरावट की संभावना भी कम है। मौजूदा समय में स्थिर और संतुलित व्यापार की रणनीति सबसे बेहतर साबित हो सकती है। गेहूं व्यापारी और किसान इस बात का ध्यान रखें कि सरकारी खरीद की सीमा तय होती है और जब सरकार की जरूरत पूरी हो जाएगी, तब मंडियों में गेहूं की आवक और बढ़ेगी, जिससे भावों पर दबाव आ सकता है।
गेहूं व्यापारियों और किसानों के लिए सलाह:
✔ सरकारी खरीद की स्थिति पर नजर बनाए रखें।
✔ डिमांड के अनुसार ही व्यापार करें और जल्दबाजी में स्टॉक न बढ़ाएं।
✔ गेहूं की कीमतों में स्थिरता बनी रह सकती है, लेकिन बड़ी तेजी की संभावना कम है।
✔ सरकारी खरीद खत्म होते ही मंडियों में आवक बढ़ सकती है, जिससे भावों पर दबाव आ सकता है।
कुल मिलाकर, गेहूं बाजार में फिलहाल स्थिरता बनी हुई है, लेकिन व्यापारियों और किसानों को आने वाले हफ्तों में नीतिगत फैसलों और बाजार की मांग पर करीबी नजर रखनी होगी। 🚜🌾