अंतरराष्ट्रीय बाजार में गेहूं वायदा भाव $5.40 प्रति बुशेल के पार पहुंच गया है। इसकी अहम वजह रूस-यूक्रेन के बीच बढ़ता सैन्य तनाव और चीन के शानक्सी व हेनान प्रांतों में पड़ रही भीषण गर्मी और सूखे की स्थिति है, जिससे फसल को नुकसान की आशंका बनी हुई है। इसके साथ ही डॉलर में कमजोरी से अमेरिकी गेहूं की मांग भी बढ़ी है। इन वैश्विक कारकों के कारण कमोडिटी फंड्स ने अपने शॉर्ट पोजिशन में कटौती की, जिससे बाजार को अतिरिक्त समर्थन मिला है।
भारत की प्रमुख मंडियों में हालांकि अभी कोई बड़ा उछाल नहीं दिखा, लेकिन कुछ स्थानों पर हल्की तेजी या भाव स्थिरता देखी गई। दुर्ग में गेहूं ₹2680 प्रति क्विंटल पर स्थिर रहा, अमृतसर में ₹2600 पर कोई बदलाव नहीं हुआ। डिबाई में ₹2525 पर मामूली गिरावट दर्ज की गई, जबकि अतरौली में ₹2525 पर ₹5 की तेजी रही।
मिल क्वालिटी गेहूं की बात करें तो हैदराबाद की रॉक्सी फ्लोर मिल में ₹3000 प्रति क्विंटल का भाव रहा, वहीं इंदौर में लोकवान गेहूं ₹2600 से ₹2650 और पूर्णा ₹2597 से ₹2640 तक बोला गया। गंजबसोदा और अशोकनगर जैसे उत्पादन क्षेत्रों में सरबती गेहूं ₹2600 से ₹3500 तक के उच्च दाम पर बिक रहा है, जिससे स्पष्ट है कि प्रीमियम किस्मों में मांग बनी हुई है।
फिलहाल मंडियों में आवक सामान्य बनी हुई है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय संकेतों को देखते हुए निकट भविष्य में घरेलू बाजार में भी हलचल संभव है। मौसम और वैश्विक स्थिति की निगरानी करते हुए व्यापारी फिलहाल सतर्क रुख अपना रहे हैं।