देश की कृषि मंडियों में इन दिनों जबरदस्त हलचल देखने को मिल रही है। सबसे पहले बात करते हैं गेहूं की – राजस्थान, एमपी जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों में सरकारी खरीद ने रफ्तार पकड़ ली है और अब तक 280 लाख मीट्रिक टन से अधिक की खरीद दर्ज की जा चुकी है। यह आंकड़ा पिछले वर्षों की तुलना में काफी अधिक है और यही कारण है कि मंडियों में गेहूं की स्टॉकिंग को लाभदायक माना जा रहा है। हरियाणा और पंजाब में आपूर्ति का दबाव बना है, लेकिन सरकार की ओर से एमएसपी पर खरीद जारी रहने से मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में व्यापारी तेजी से गेहूं बेच रहे हैं। एमपी में 65 लाख मीट्रिक टन, पंजाब में 125 लाख टन और हरियाणा में 70 लाख टन का खरीद लक्ष्य तय किया गया है। ऐसे में जो व्यापारी मौजूदा भाव पर स्टॉक बना रहे हैं, उन्हें आने वाले समय में फायदा मिल सकता है।
अब बात करें मटर की, तो सरकार द्वारा मटर के आयात पर शुल्क हटाने से सभी मंडियों में विदेशी माल की बाढ़ सी आ गई है। इसके चलते मटर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली है, जिससे व्यापारी फिलहाल सतर्क हैं। हालांकि भारतीय बंदरगाहों पर अब अधिक माल नहीं उतर रहा है और कनाडा में भी अगली फसल 6 महीने बाद आने की उम्मीद है, जहां कीमतें हाल ही में 15–18 डॉलर प्रति टन बढ़ी हैं। इन हालातों को देखते हुए बाजार में मंदी थमने के संकेत मिल रहे हैं, लेकिन घरेलू फसल में दम नहीं है, इसलिए व्यापारियों को कुछ सतर्कता के साथ आगे बढ़ना होगा।
दलहन बाजार में इस समय रफ्तार देखने को मिल रही है। दाल मिलों से आई डिमांड के चलते उड़द, मूंग, तुवर और चने में जबरदस्त तेजी देखी गई है। उड़द के रंगून भाव 7875–7900 रुपये और यूपी भाव 7200–7600 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गए। राजस्थानी मूंग 100 रुपये बढ़कर 7500–7900 रुपये और एमपी मूंग 200 रुपये बढ़कर 6700–7200 रुपये प्रति क्विंटल हो गई। बिकवाली कमजोर होने के चलते मोटी मसूर 50 रुपये बढ़कर 6200–6225 रुपये, और रंगूनी तुवर 50 रुपये बढ़कर 7100–7125 रुपये तक पहुंच गई। कर्नाटक की तुवर 7350–7550 रुपये पर बिकी। चना भी मांग बढ़ने से 50 रुपये तेज हुआ, जिसमें राजस्थान का भाव 5850–5875 और ऑस्ट्रेलियाई चना 5900–5925 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया। वहीं, तुवर दाल 100 रुपये बढ़कर 9000–10500 और चना दाल 6650–6875 रुपये तक पहुंची।
इसके विपरीत, आटा, मैदा और सूजी में सुस्ती दिखी, जिनके दाम 10–30 रुपये तक गिरे और क्रमशः 1480–1490, 1490–1500 और 1580–1590 रुपये प्रति 50 किलो पर आ गए। लेकिन चोकर की आपूर्ति कमजोर होने के चलते इसके भाव 40 रुपये चढ़कर 1230–1240 रुपये प्रति 48 किलो पर पहुंच गए।
इन तमाम बदलावों के बीच, यह स्पष्ट है कि व्यापारी और निवेशक दोनों के लिए मंडियों पर नजर रखना जरूरी हो गया है। हर एक चाल महत्वपूर्ण साबित हो सकती है – और इसी के लिए Amotrade App सबसे भरोसेमंद साधन बनकर उभर रहा है। यहां आपको मिलते हैं रियल-टाइम भाव, ताज़ा मंडी समाचार, सुरक्षित ट्रेडिंग सुविधा और 3000+ से अधिक सत्यापित बिज़नेस कनेक्शन – सब कुछ एक ही प्लेटफॉर्म पर!